मसीह लोगों का बातचीत कैसा होना चाहिए?

मसीह लोगों का बातचीत कैसा होना चाहिए?

मसीह लोगों का बातचीत कैसा होना चाहिए? उन्हें एक दूसरे से कैसे पेश आना चाहिए? क्या मसीही लोगों को अभद्रता, अश्लीलता, असदाचरण करना चाहिए?

सबसे पहले लोगों को अच्छी शिक्षा ना मिलने के कारण उन्हें; अच्छे और बुरे की फर्क पता नहीं चलता। दुसरी बात; बुरे बर्ताव के परिणाम क्या हो सकता है; इसके बारे में वे अनजान रहते हैं। एक बच्चा सही शिक्षा और सही परवरिश के बिना बिगड़ सकता है; बच्चों को स्कूल की शिक्षा के साथ; आत्मिक शिक्षा भी देना चाहिए। बच्चे खास करके अपने मां बाप से आत्मिक शिक्षा सीखते हैं; अगर मां बाप आत्मिक जीवन नहीं जी रहे हैं; तो सोचिए बच्चों का क्या हाल होगा। क्योंकि मां-बाप का सबसे बड़े folowers उनके बच्चे होते हैं।

मसीह लोगों की बर्ताव

हमने कहा कि मसीह लोगों का बातचीत कैसा होना चाहिए? इसके बारे में जानने से पहले आपको पता होना चाहिए कि आप खुद को मसीह क्यों कहते हैं? अगर आप खुद को मसीह कहते हैं; तो आपको मसीह यीशु की शिक्षा के अनुसार; चलना होगा। जब आप दर्पण को देखते हैं; तब दर्पण आपको क्या बताता है। आपकी चेहरे की परछाई ही नहीं; बल्कि संपूर्ण शरीर के बारे में भी बताता है; कि आप किस प्रकार दिखाई दे रहे हैं। वैसे ही जब आप खुद को मसीह कहते हैं; तो आपकी बातचीत कैसी होनी चाहिए। क्या मसीह से आपको ऐसी शिक्षा मिलती है; कि आप अश्लीलता; अभद्रतापूर्ण व्यवहार करें। न न न, वह तो अपनी मृत्यु तक भी किसी को दोष नहीं लगाया। उनका अधिकार था; कि वह लोगों पर दोष लगा सकता था।

विशेष करके मसीह लोगों को आज्ञाकारी बनना चाहीए

एक मसीह होने के नाते; प्रभु की छाप आप में दिखना चाहिए। लोग आपको देखकर कहें कि यह मसीह भाई (बहन) है; गले में लॉकेट पहनकर घूमने वाला मसीह नहीं; बल्कि प्रभु की आज्ञा पर चलने वाला मसीह बने। मसीह यीशु की छवि सिर्फ बाहर ही नहीं; बल्कि बाहर भीतर दोनों तरफ से  झलकना चाहिए। ईश्वर चाहते हैं; कि आप सबसे अलग और unique बने। परमेश्वर और मनुष्य दोनों की नजरों से आप एक अच्छे मसीह बने; इससे लोगों को यह पता चल जाएगा कि आप प्रभु में हैं; और प्रभु आप में है। आपकी अच्छी चाल चलन; अच्छे बर्ताव और भले मनुष्य की स्वभाव को देखकर; लोग कहेंगे कि मसीही जीवन कितना सुंदर है। उसके लिए आपको प्रभु में बने रहना है।

अच्छे फल लाएं

प्रभु कहते हैं,तुम मुझ में बने रहो, और मैं तुम में: जैसे डाली यदि दाखलता में बनी न रहे; तो अपने आप से नहीं फल सकती; वैसे ही तुम भी यदि मुझ में बने न रहो तो नहीं फल सकते। यूहन्ना 15:4

क्या बात! प्रभु की यह वचन से दिल खुश हो गया। हां जी तो प्रभु का कहना यही है; की जब तक आप प्रभु से नहीं जुड़ते तब आप अच्छे फल नहीं ला सकते; अर्थात आपको एक अच्छे मसीह बनने के लिए प्रभु आपके साथ होना चाहिए; प्रभु की शिक्षा आप में होना चाहिए। उनकी की आशीष आपके साथ होना चाहिए; और प्रभु की करुणा आपके साथ होना चाहिए। प्रभु की दान वरदान भी आपको मिलना चाहिए।

मसीह लोगों का बातचीत
मसीह लोगों का बातचीत

प्रभु की शिक्षा

आप चाहते हैं कि प्रभु आपके साथ रहे; तो आपकी बातचीत और आचरण मसीह के अनुरूप होना चाहिए। अगर आप की जीवन शैली; बातचीत और आचरण प्रभु के अनुसार हुआ; अर्थात आप प्रभु में रहते हैं, और प्रभु की शिक्षा आप में बनी रहती है; तो आप जो भी चाहते हैं, मांगने पर मिल जाएगा। आपकी प्रार्थना सुनी जाएगी।

इसके बारे में यूहन्ना 15:7 कि वचन में लिखा है। यदि तुम मुझ में बने रहोो; और मेरी बातें तुम में बनी रहें तो जो चाहो मांगो और वह तुम्हारे लिये हो जाएगा।

अगर आप आज तक एक सच्चे मसीह की तरह नहीं जी रहे  हैं; तो आपको इस शिक्षा के द्वारा प्रभु सुंदर अवसर दे रहे हैं। जब तक प्रभु की करुणा न हो; तो एसी अवसर नहीं मिलती है। प्रभु आपको चाहता है; इसलिए आप प्रभु और उनकी शिक्षा को; कमतर आंकने की गलती न करें। समय को आपके हाथ से जाने ना दे; आप अच्छे मसीह होने के नाते; बाहर वालों और मसीह लोगों के साथ; बुद्धिमानी से आप बर्ताव करें। इससे आप के सच्चे मसीह होने का प्रमाण मिल जाएगा।

Today Bible verses

क्योंकि कुलुस्सियों 4:5 में लिखा है। अवसर को बहुमूल्य समझ कर बाहर वालों के साथ बुद्धिमानी से बर्ताव करो।

Pray

सर्वशक्तिमान पिता दयालु और करुणामय प्रभु; आप की असीम कृपा हमें प्रदान करने के लिए; आपको तहे दिल से धन्यवाद करता हूं। आपकी शिक्षा के अनुसार चलने के लिए; और आपकी आज्ञा को मानकर आपकी दिखाए हुए रास्ते में; चल सके इसलिए आशीष प्रदान करें। जो लोग आपके पास आते हैं; आप की शरण में रहते हैं; परंतु वह दिखावा मात्र होता है। उन लोगों को आपकी सच्ची शिक्षा का समझ प्रदान करें जिससे वे आपकी स्तुति; गुणगान और महिमा कर सके; प्रभु आपकी नाम की प्रशंसा कर सके। आपकी शिक्षा का झलक उनके जीवन में परिलक्षित हो सके; यह कृपा उन पर किजिए। मैं यह निवेदन आपके पुत्र यीशु मसीह के नाम से करता हूं। आमीन।

God bless you for reading continue.

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