What is sin? – Why do people sin? In hindi

What is sin? Why do people sin?

पाप क्या है? लोग sin क्यों करते हैं? क्या पाप करना गुनाह है? ऐसे भी लोग इस संसार में रहते हैं, जिन्हें पाप के बारे में सही जानकारी नहीं है। उन लोगों को तो यह भी पता नहीं कि पाप क्या होता है? आज हम sin के बारे में चर्चा करेंगे।

Sin का शुरुआत कहां से हुआ।

मनुष्य को बनाने से पहले ईश्वर स्वर्ग दूतों को बनाये थे। क्या आप जानते हैं कि उन स्वर्ग दूतों में से सबसे सुंदर कौन था? उसका नाम लुसिफर है। जो अभी आप शैतान कह रहे हैं। वह पहले शैतान नहीं था। वह अपना शक्ति और सुंदरता के कारण ईश्वर के आगे झुकना नहीं चाहा। वह देखा की उसके जैसा स्वर्ग में कोई नहीं है। वह अपने आप को ईश्वर का बराबरी मानने लगा। उसका मन में घमंड का प्रवेश होता है। वह घमंड करके sin करता है। तब ईश्वर लुसिफर को स्वर्ग से निकाल देते हैं। घमंड भी एक sin है।

आदम और हव्वा का sin

जब लुसिफर sin करता है, तो ईश्वर उसको स्वर्ग से निकालने के बाद मनुष्य को बनाते हैं। स्वर्ग दूतों से लेकर सारी सृष्टि को वह अपने मुंह के वचन से बनाए थे। मनुष्य को मिट्टी लेकर अपने हाथ से बनाए थे। एक मिट्टी का मुरत बनाने के लिए कारीगर को किस प्रकार काम करना पड़ता है। थोड़ा आप सोच कर देखिएगा तो खुद ब खुद आपको समझ में आ जाएगा। इसका मतलब जब ईश्वर आदम को बना रहे थे। वह आदम का आगे पीछे, झुक कर, बैठ कर घुटनों में आकर, भी बनाए होंगे। इस समय में इस बात को गौर से कौन देख रहा था। यह सब लुसिफर शैतान देख रहा था। शैतान देखता है कि, ईश्वर एक साधारण मनुष्य के लिए किस कदर झुक रहा है। उनको बड़े प्रेम से बना रहा है। क्योंकि ईश्वर मनुष्य को अपने स्वरूप में बनाए थे। Genesis 1:26,27 मैं आप पढ़ सकते हैं। मनुष्य के प्रति ईश्वर का लगाव को शैतान बर्दाश्त नहीं कर सका। उस दिन से शैतान मनुष्य के पीछे पड़ जाता है। एक दिन अदन की वाटिका में शैतान को chance मिल जाता है। वह हव्वा को बहला-फुसलाकर जिस फल को ईश्वर खाने के लिए मना किए थे। उस फल को खिलाने में सक्षम हो जाता है। उस फल को खाने से क्या होता है?, ईश्वर का आज्ञा भंग होता है। क्योंकि ईश्वर ने आदम और हव्वा से कहा था, ज्ञान बृक्ष के फल को छोड़कर, वाटिका के सभी फल खा सकते हो। परंतु शैतान ईश्वर के चहेते मनुष्यों से ही अपराध करवा डालता है। शैतान जानना चाहता था कि उसके sin के द्वारा उसे स्वर्ग से निकाल दिया गया था। जब मनुष्य, ईश्वर की आज्ञा को भंग किया तो शैतान देख रहा था कि ईश्वर किस प्रकार के दंड देने वाले हैं। जिस अदन वाटिका में मनुष्य को सुख और चैन मिलता था। ईश्वर वहां से मनुष्य को निकाल देते हैं। क्योंकि मनुष्य ईश्वर की आज्ञा को ना मानने के चलते पापी बन चुके थे। शैतान ने स्त्री के मन में लालच भर दिया था। क्योंकि उस फल देखने में सुंदर था, और उसको खाने के द्वारा ईश्वर के जैसा बन जाने का लालच उन्हें खाने के लिए मजबूर कर दिया। इन सब पापों के फलस्वरूप लोग देखते हैं, सोचते हैं फिर मन में लालच उत्पन्न होता है। फिर पाप का जन्म होता है।

कैन का sin

आदम और हव्वा के पहले संतान कैन और हाबील होते हैं। कैन खेती करता है और हाबिल भेड़ बकरियां चराता है। कुछ दिन बाद दोनों भाई ईश्वर को होम बलि चढ़ाते हैं। कैन अपना खेती में से कुछ लाकर ईश्वर को चढ़ाता है। हाबिल भी अपने भेड़ बकरियों में से पहलौठे बच्चे को ईश्वर को चढ़ाता है। यहां पर ईश्वर हाबील का भेंट को ग्रहण करते हैं। वह कैन का भेंट को ग्रहण नहीं करते हैं। इसका कारण क्या है? क्यों ईश्वर कैन का भेट को ग्रहण नहीं करते हैं, और हाबिल का भेंट को ग्रहण करते हैं। क्योंकि कैन खेती में से सबसे अच्छा को अपने पास रखता है और खराब चीजों को ईश्वर को भेंट चढ़ाता है। इसलिए ईश्वर उसका भेंट ग्रहण नहीं करते हैं। परंतु हाबिल उसका भेड़ बकरियों में से सबसे अच्छा और उत्तम भेट को लाकर ईश्वर को चढ़ाता है। इसलिए ईश्वर प्रसन्न होकर हबील की भेंट को ग्रहण कर लेता है। जब कैन का भेंट को ईश्वर ग्रहण नहीं करते हैं। वह क्रोधित हो जाता है, और अपने भाई हाबील को मार देता है। दोस्तों क्रोध भी एक पाप है। ज्यादा क्रोधित होने से लोग एक दूसरे का खून कर देते हैं। इसलिए आप सावधान रहें। Sin को आप में प्रवेश करने ना दें। उसी प्रकार गाली भी एक पाप है। जब लोगों को क्रोध आता है, उससे पहले लोग गाली देते हैं। स्मरण रहे कि जब आप क्रोधित होते हैं, तो मुंह से गाली भी निकालते हैं। आप एक पाप करते हैं। परंतु उसमें बहुत सी पाप जुड़े हुए रहते हैं। याद रहे कि पाप हमेशा द्वार पर छिपा रहता है। जब आप पाप के लिए द्वार खोल देते हैं तो वह आप में प्रवेश कर जाता है। आप अच्छा काम करेंगे तो पाप आपके अंदर प्रवेश नहीं कर सकता है। पाप मन में लालसा उत्पन्न करता है, और आप में प्रवेश करना चाहता है। इसलिए आप sin करने से बचे रहें। Genesis 4:7

मेहनत करके आप किसी चीज को प्राप्त करते हैं तो वह पाप नहीं कहलाता है। परंतु यदि आप किसी वस्तु को पाने का लालच करते हैं तो वह पाप होता है। क्योंकि लालच एक बुरी बला है। देखिए एक मनुष्य को अपना दिन का शुरुआत बिस्तर से उठकर करना चाहिए। जब आप बिस्तर से जागते हैं, आपका आंख खुले नहीं है। परंतु आप उस समय में सोच की आंखों से देखते हैं। सोचना बुरी नहीं है, परंतु बुरे चीजों को सोचना आपके लिए, पाप का कारण बन सकता है। फिर आप देखते हैं, देखना भी बुरी नहीं है, परंतु आप ऐसे चीजों को देखें, जिससे वह  आपके लिए  sin का कारण न बने। फिर आप बोलते हैं, बोलना बातें करना बुरी नहीं होती है। परंतु आपके मुंह से गाली निकालना बुरी बात है। अगर आप एक sin करेंगे तो दूसरा पाप चेन की तरह आपका पीछे लगा रहेगा।

क्या पाप करना गुनाह है।

देखिए आपने लोगों से सुना होगा, हत्या ना करना, चोरी ना करना बलात्कार ना करना। इन सारे पापों को करने के बाद लोगों को सजा मिलती है कि नहीं, जरूर मिलती हैं। कोई पाप छोटा या बड़ा नहीं होता। पाप तो पाप होता है। अश्लील बात बोलने से लेकर, चोरी, हत्या, बलात्कार, ईश्वर की आज्ञा का उल्लंघन करना सब पाप है।

आजकल के लोग ज्यादातर अश्लील बातें बोलकर sin कर रहे हैं। अश्लील फिल्म देखना और दिखाने के द्वारा पाप कर रहे हैं। अश्लील सोचने के द्वारा पाप कर रहे हैं। इन सब पाप करने के लिए mobile phone एक जिगरी दोस्त बन जाता है। आजकल मनुष्य पाप को अपने गले का हार बना लिए हैं। एक मनुष्य आदम के चलते संसार में sin आया। उसी तरह  प्रभु यीशु के द्वारा जीवन मिलता है। आदम से पाप और मृत्यु मनुष्य के जीवन में प्रवेश किया। वैसे ही प्रभु यीशु से जीवन मिलता है। जो प्रभु पर विश्वास करता है, उसका पाप क्षमा हो जाता है।  So, दोस्त I hope की आपको बहुत कुछ सीखने को मिला होगा। अधिक जानकारी के लिए comment कर सकते हैं।

Today verses

कांपते रहो और पाप मत करो; अपने अपने बिछौने पर मन ही मन सोचो और चुपचाप रहो।  भजन संहिता 4:4

Pray

सर्वशक्तिमान पिता, सारी सृष्टि के अधिपति, मैं आपको तहे दिल से धन्यवाद करता हूं। सर्वशक्तिमान पिता जो कोई भी इन वचनों को पढ़ें और sin के बारे जान पाए, उनको आप विशेष करके blessing प्रदान कीजिए। सबसे पहले अपने पाप के बारे मनुष्य को जानना चाहिए। हो सकता है बहुत से लोग, sin करके आपको क्रोधित किये होंगे, उन लोगों के पापों को क्षमा कीजिए पिता। उन लोगों को समझने के लिए शक्ति दीजिए। पाप छोड़ने के लिए लोगों को सामर्थ दीजिए। Blessings के लिए शैतान पाप के द्वारा लोगों के बीच रुकावट पैदा करती है। उनका हर बंधन आपके नाम से टूट जाए। शैतान का हर प्रकार की रुकावटें और बंधन यीशु नाम से टूट जाए। यीशु नाम से कोरोना रोगी चंगा हो जाए। यीशु नाम से उन लोगों को शांति मिले जो आप पर भरोसा करते हैं। आपके ईछा पर चलने वाले लोगों को आपके सामर्थ से सुरक्षित रखिए। आपके चरणों में मैं यह निवेदन करता हूं। आमीन।।

Thanks for reading continue.

Leave a Comment

Connect with me here
Connect with me here!
Connect with me here!