Aaj ka vachan 2
Aaj ka vachan 2 में आपका स्वागत है। परमेश्वर की सृष्टि में मनुष्य एक ऐसा प्राणी है, जो अपने मन की विचार को बातों के माध्यम से दूसरों को प्रकट कर सकता है
Aaj ka vachan 2 में आपका स्वागत है। परमेश्वर की सृष्टि में मनुष्य एक ऐसा प्राणी है, जो अपने मन की विचार को बातों के माध्यम से दूसरों को प्रकट कर सकता है
आज का वचन 1, (सभोपदेशक 11:6) की वचन में लिखा है,“भोर को अपना बीज बो, और सांझ को भी अपना हाथ न रोक; क्योंकि तू नहीं जानता कि कौन सफल होगा
आज हम भजन संहिता 4 अध्याय को अध्ययन करेंगे। उसमें लिखा है, कि संगीत निर्देशक के लिये दाऊद का एक गीत। पर हम नहीं मानते हैं, कि यह सिर्फ दाऊद का एक गीत है
भजन संहिता 3 :3 “परन्तु हे यहोवा, तू तो मेरे चारों ओर मेरी ढ़ाल है, तू मेरी महिमा और मेरे मस्तिष्क का ऊंचा करने वाला है।”