Hindi bible preaching – लोगों की परीक्षा biblevachan.com

Hindi bible preaching

Hindi bible preaching

Hindi bible preaching – लोगों की परीक्षा कैसे होता है? बाइबल के अनुसार जब अच्छे लोगों को ईश्वर कुछ वरदान देना चाहता है; तब उनका परिक्षा करता है। परंतु दुष्ट लोगों को सुधारने के लिए दंड देता है; आज Hindi bible preaching में परिक्षा क्या है? और क्युं होता है? bible के माध्यम से मैं आपको बताने की कोशिश किया हुं।

लोगों की परीक्षा के बारे में Hindi bible preaching

दोस्तों मनुष्य जाति के लिए यह समय परीक्षा का समय है। बाईबल में देखा जाए तो; मनुष्य के जीवन में बहुत बार परीक्षा आते रहता है। देखिए परीक्षा दो प्रकार की होती है; पहला परीक्षा ईश्वर की ओर से होती है; कारण आप ईश्वर में एक मजबूत विश्वासी बन सके; इब्राहिम की परीक्षा के बारे में उत्पति का अध्याय 22 वचन संख्या 1 और 2 में लिखा है; इन बातों के पश्चात ऐसा हुआ कि परमेश्वर ने; इब्राहीम से यह कहकर उसकी परीक्षा की, कि हे इब्राहीम; उसने कहा, देख, मैं यहां हूं।

उसने कहा, अपने पुत्र को अर्थात अपने एकलौते पुत्र इसहाक को, जिस से तू प्रेम रखता है; संग ले कर मोरिय्याह देश में चला जा; और वहां उसको एक पहाड़ के ऊपर जो मैं तुझे बताऊंगा होमबलि करके चढ़ा।

तब यहोवा ने मूसा से कहा, देखो, मैं तुम लोगों के लिये आकाश से भोजन वस्तु बरसाऊंगा; और ये लोग प्रतिदिन बाहर जा कर प्रतिदिन का भोजन इकट्ठा करेंगे, इस से मैं उनकी परीक्षा करूंगा; कि ये मेरी व्यवस्था पर चलेंगे कि नहीं। निर्गमन 16:4

मूसा ने लोगों से कहा, डरो मत; क्योंकि परमेश्वर इस निमित्त आया है कि तुम्हारी परीक्षा करे; और उसका भय तुम्हारे मन में बना रहे, कि तुम पाप न करो। निर्गमन 20:20

और स्मरण रख कि तेरा परमेश्वर यहोवा; उन चालीस वर्षों में तुझे सारे जंगल के मार्ग में से इसलिये ले आया है; कि वह तुझे नम्र बनाए; और तेरी परीक्षा करके यह जान ले कि तेरे मन में क्या क्या है; और कि तू उसकी आज्ञाओं का पालन करेगा वा नहीं। व्यवस्थाविवरण 8:2

ईश्वर की परीक्षा

तुझे जंगल में मन्ना खिलाया, जिसे तुम्हारे पुरखा जानते भी न थे, इसलिये कि वह तुझे नम्र बनाए; और तेरी परीक्षा करके अन्त में तेरा भला ही करे। व्यवस्थाविवरण 8:16

तब तुम उस भविष्यद्वक्ता वा स्वप्न देखने वाले के वचन पर कभी कान न धरना; क्योंकि तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हारी परीक्षा लेगा; जिस से यह जान ले, कि ये मुझ से अपने सारे मन और सारे प्राण के साथ प्रेम रखते हैं; वा नहीं? व्यवस्थाविवरण 13:3

जिस से उनके द्वारा मैं इस्राएलियों की परीक्षा करूं, कि जैसे उनके पूर्वज मेरे मार्ग पर चलते थे; वैसे ही ये भी चलेंगे कि नहीं।न्यायियों 2:22

ये इसलिये रहने पाए कि उनके द्वारा इस्राएलियों की बात में परीक्षा हो; कि जो आज्ञाएं यहोवा ने मूसा के द्वारा उनके पूर्वजों को दिलाई थीं; उन्हें वे मानेंगे वा नहीं। न्यायियों 3:4

तू ने संकट में पड़ कर पुकारा, तब मैं ने तुझे छुड़ाया; बादल गरजने के गुप्त स्थान में से मैं ने तेरी सुनी; और मरीबा नाम सोते के पास तेरी परीक्षा की। (सेला) भजन संहिता 81:7

तुम किसी ऐसी परीक्षा में नहीं पड़े, जो मनुष्य के सहने से बाहर है: और परमेश्वर सच्चा है; वह तुम्हें सामर्थ से बाहर परीक्षा में न पड़ने देगा; वरन परीक्षा के साथ निकास भी करेगा; कि तुम सह सको॥ 1 कुरिन्थियों 10:13

तो अपने मन को कठोर न करो; जैसा कि क्रोध दिलाने के समय और परीक्षा के दिन जंगल में किया था। इब्रानियों 3:8

मनन चिंतन

देखिए ईश्वर भी परीक्षा कर के देखते हैं कि मनुष्य उनकी आज्ञा मानकर चलता है कि नहीं; इसका ठोस प्रमाण आपने वचन में देख लिया। आप और हम एक साधारण मनुष्य; ही तो हैं। परंतु जब हम किसी एक अनजान मनुष्य से मिलते हैं; तो उस से हम लोग सही ढंग से बात नहीं करते हैं। कारण कि हम लोग उसके बारे नहीं; जानते हैं; कि वह अच्छा आदमी है; या नहीं।

अनजान आदमी को हम लोग जांच परखने के बाद ही उससे सही ढंग से मिलते; और बात करते हैं। परखने के बाद हमें भरोसा हो जाता है; कि वह आदमी विश्वास योग्य है। इसी प्रकार ईश्वर भी हमारा विश्वास को परीक्षा करना चाहता है! ईश्वर जानना चाहता है; कि हम मुंह से विश्वास करते हैं; या दिल से उन्हें चाहते हैं; फिर भी ईश्वर मनुष्यों की सहनशक्ति से बाहर परीक्षा नहीं करता है। वह जानता है; कि मनुष्य की सहनशक्ति कितना है।

शैतान की परीक्षा

दूसरा परीक्षा शैतान की ओर से होती है; जो आप को प्रलोभन में डालकर गिराना चाहता है। ईश्वर की वरदानों से वंचित करना चाहता है; शैतान नहीं चाहता कि आप ईश्वर के करीब जाएं; ईश्वर को प्रार्थना करें। इसलिए शैतान आपको परीक्षा में डालता है।  एक बात जान लीजिए; कि शैतान ने प्रभु यीशु को भी परीक्षा करना नहीं छोड़ा; आइए वचन में देखते हैं।

तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से उस की परीक्षा हो। मत्ती 4:1

और जंगल में चालीस दिन तक शैतान ने उस की परीक्षा की; वह वन पशुओं के साथ रहा; और स्वर्गदूत उस की सेवा करते रहे। मरकुस 1:13

फिर यीशु पवित्रआत्मा से भरा हुआ, यरदन से लैटा; और चालीस दिन तक आत्मा के सिखाने से जंगल में फिरता रहा; और शैतान उस की परीक्षा करता रहा। लूका 4:1

शैतान सिर्फ ईश्वर की वचन से डरता है। इसलिए जब भी शैतान आपको परीक्षा करे; तो आपको ईश्वर के वचन रूपी तलवार से काटना पड़ेगा। जब शैतान ने प्रभु यीशु से परीक्षा किया था; तो वह वचन का प्रयोग किया था। शैतान जानता था; कि प्रभु यीशु को किसी दूसरे चीजों से परीक्षा करने से फायदा नहीं मिलने वाला है; यहां पर प्रभु यीशु ने शैतान को हराया था। आइए वह वचन को देखते हैं;

प्रभु को शैतान परिक्षा करता है।

तब परखने वाले ने पास आकर उस से कहा, यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो कह दे; कि ये पत्थर रोटियां बन जाएं।  उस ने उत्तर दिया; कि लिखा है कि मनुष्य केवल रोटी ही से नहीं; परन्तु हर एक वचन से जो परमेश्वर के मुख से निकलता है; जीवित रहेगा।  तब इब्लीस उसे पवित्र नगर में ले गया और मन्दिर के कंगूरे पर खड़ा किया; और उस से कहा यदि तू परमेश्वर का पुत्र है; तो अपने आप को नीचे गिरा दे; क्यों की लिखा है, कि वह तेरे विषय में अपने स्वर्गदूतों को आज्ञा देगा; और वे तुझे हाथों हाथ उठा लेंगे; कहीं ऐसा न हो कि तेरे पांवों में पत्थर से ठेस लगे।

  यीशु ने उस से कहा; यह भी लिखा है; कि तू प्रभु अपने परमेश्वर की परीक्षा न कर;  फिर शैतान उसे एक बहुत ऊंचे पहाड़ पर ले गया; और सारे जगत के राज्य और उसका वैभव दिखाकर  उस से कहा; कि यदि तू गिरकर मुझे प्रणाम करे; तो मैं यह सब कुछ तुझे दे दूंगा।  तब यीशु ने उस से कहा; हे शैतान दूर हो जा, क्योंकि लिखा है, कि तू प्रभु अपने परमेश्वर को प्रणाम कर; और केवल उसी की उपासना कर।  मत्ती 4:1,10

लूका 4:1,13 में भी आप इस वचन के बारे में पढ़ सकते हैं।

शैतान की परीक्षा से बचने का उपाय

Hindi bible preaching में यहां पर प्रभु यीशु मनुष्यों को उनके परीक्षा के द्वारा बताना चाहते हैं; की इस संसार में प्रत्येक मनुष्य की परीक्षा बुरे के लिए शैतान के द्वारा हो; सकता है। परंतु आप उसको किस प्रकार मात दे सकते हैं; वह भी तरीका प्रभु यीशु वचन के द्वारा बताए हैं; इसलिए आपको प्रभु का वचन अपने दिल में रखना जरूरी है; पढ़ना जरूरी है; प्रार्थना करना भी जरूरी है।

अगर आप परीक्षा में नहीं पड़ना चाहते हैं तो प्रार्थना करते रहिए। क्योंकि वचन में लिखा है।

जागते रहो, और प्रार्थना करते रहो, कि तुम परीक्षा में न पड़ो: आत्मा तो तैयार है; परन्तु शरीर दुर्बल है। मत्ती 26:41

परिक्षा में स्थिर रहो

परंतु वचन कहता है। धन्य है वह मनुष्य, जो परीक्षा में स्थिर रहता है; क्योंकि वह खरा निकल कर जीवन का वह मुकुट पाएगा; जिस की प्रतिज्ञा प्रभु ने अपने प्रेम करने वालों को दी है। याकूब 1:12

आप लोग इस समय में जिस भी परिस्थिति से गुजर रहे हैं; यह बताने की जरूरी नहीं है; क्योंकि प्रत्येक मनुष्य के सामने बिमारी, समस्या, विपत्ति, coronavirus के संकट और परीक्षा की घड़ी चल रही है; परीक्षा के समय में बहुत लोग ईश्वर के विरोध में भी बोलते हैं। परंतु सावधान रहिएगा; क्यों की लोग बहुत बार  ईश्वर के विरुद्ध जाकर पाप कर चुके हैं। इसलिए वचन कहता है;

जब किसी की परीक्षा हो, तो वह यह न कहे, कि मेरी परीक्षा परमेश्वर की ओर से होती है; क्योंकि न तो बुरी बातों से परमेश्वर की परीक्षा हो सकती है; और न वह किसी की परीक्षा आप करता है। याकूब 1:13

अगर आप परमेश्वर के वचन को अपने ह्रदय में रखेंगे। उनके आज्ञा के अनुसार चलेंगे; तो आपको भी वह बचा के रखेगा। जब आपको ईश्वर बचाना चाहेगा; तो शैतान भी आपका कुछ बिगाड़ नहीं सकता है। वचन में लिखा है; ”तू ने मेरे धीरज के वचन को थामा है; इसलिये मैं भी तुझे परीक्षा के उस समय बचा रखूंगा; जो पृथ्वी पर रहने वालों के परखने के लिये सारे संसार पर आने वाला है।” प्रकाशित वाक्य 3:10

ईश्वर की वचन रुपी हथियार

मेरा विश्वास है कि अगर आप इस वचन को पड़ेंगे; तो शैतान की चाल को वचन के द्वारा ही मात देने में कामयाब हो जाएंगे; क्योंकि वचन के बिना शैतान हटता नहीं है। आप लोग ना कहें; कि मेरे साथ ईश्वर नहीं है। ईश्वर तो आपके साथ वचन के रूप में हमेशा विराजमान रहता है; आप जानते हैं। युहन्ना 1:1 मैं लिखा है। आदि में वचन था; वचन ईश्वर के साथ था, और वचन ही; ईश्वर था।

क्या आप चाहते हैं कि परीक्षा के समय में; आप स्थिर रह सकें। क्या आप चाहते हैं कि परीक्षा के समय में आप शैतान की सामना कर सकें; तो यह वचन आपके लिए है।

इसलिये परमेश्वर के सारे हथियार बान्ध लो, कि तुम  बुरे दिन में साम्हना कर सको; और सब कुछ पूरा करके स्थिर रह सको। सो सत्य से अपनी कमर कसकर;

धार्मीकता की झिलम पहिन कर। और पांवों में मेल के सुसमाचार की तैयारी के जूते पहिन कर;

  एवं उन सब के साथ विश्वास की ढाल लेकर स्थिर रहो;

जिस से तुम उस दुष्ट के सब जलते हुए; तीरों को बुझा सको।  और उद्धार का टोप; और आत्मा की तलवार जो परमेश्वर का वचन है; ले लो।  इफिसियों 6:13,17

दोस्तों संसार के लोगों के सामने परमेश्वर का वचन सही समय पर ना पहुंचने के चलते; ईश्वर की इच्छा के अनुसार जीवन गुजारने में तकलीफ होती है; I hope इस वचन के द्वारा आप अपने जीवन की संकट के समय में; परीक्षा की घड़ी में खरे उतरेंगे।

Hindi bible preaching

prayer

आइए प्रार्थना में मेरे साथ एक मन हो जाएं। प्रभु यीशु जीवित पिता संसार में बहुत लोग ऐसे हैं; जो कि परीक्षा के समय में टूट जाते हैं। उनको आपकी सामर्थ प्रदान कीजिए; उनके जीवन में आप का वचन के माध्यम से काम कीजिए; प्रभु, जिससे वे जान जाए कि आप ही प्रभु हैं; चाहे वह लोग संसार के किसी भी कोने में क्यों ना हों आप वहां पर पहुंच सकते हैं; आपके लिए कोई दूरी मायने नहीं रखती है। चाहे लोग पास हो या दूर हो; उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।

आप सबका मन को पढ़ सकते हैं; इस समय में जो भी इस प्रार्थना को मेरे साथ एक मन हो के पढ़ रहा है; और यह भी विश्वास कर रहा है; कि आप उसकी सुन रहे हैं। तो चाहे वह कोई भी समस्या में क्यों ना हो; उनका समस्या इसी घड़ी खत्म हो जाए। भले ही वे coronavirus महामारी से पीड़ित क्यों ना हो; आपके नाम से वे ठीक हो जाएं। उनके जीवन में आपकी सामर्थ भर दीजिए प्रभु; जिससे वे हर बीमारी से; हर समस्याओं से; हर प्रकार दुष्ट शैतान की शक्ति से लड़ सके; यह निवेदन मैं करता हूं आपके जीवित नाम से। धन्यवाद प्रभु यीशु आमीन।।

Conclusion

Hindi bible preaching इसलिए करना पड़ता है; कि लोग प्रभु का वचन को समझे और शैतान की हर प्रकार चाल से अपने को बचाने में कामयाब हो सके। दोस्तों आप जहां कहीं भी जाएं; प्रभु का वचन को अपने ह्रदय में हमेशा रखें।

God bless you for reading to continue…

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