क्या आपके पास परमेश्वर की ज्योति है?
दोस्तों सिक्का के दो पहलू होते हैं। जैसे कि एक head और दूसरी tail. परंतु उन सिक्का को जब ऊपर फेंकते हैं, और वह नीचे गिरने के बाद head और tail मैं से एक पहलू आप को दिखाई देता है। उसी प्रकार अच्छे और बुरे, दुख और सुख, उस सिक्का के दो पहलू की तरह ही हैं। दुख हो तो सुख नहीं रहता है, और सुख हो तो दुख नहीं रहता है। वैसे अंधकार को दूर करने के लिए ज्योति की आवश्यकता पड़ती है। परंतु अंधकार ज्योति को दूर नहीं कर सकता है। दिन में चलने के लिए लोगों को डर नहीं लगता है। परंतु रात में चलने के लिए डर लगता है।
अगर आप अंधेरा में चल रहे हैं, तो आपको सबसे पहले एक light की आवश्यकता पड़ती है। आपके पास light ना हो तो आप ठोकर खा सकते हैं। गड्ढे में गिर सकते हैं। आपको सांप, बिछू और जीव-जंतुओं का डर हो सकता है। इसलिए लोगों को light की जरूरत होती है। परंतु आज मैं आपको उस ज्योति के बारे में बताऊंगा जिसका होना आपके जीवन में अति आवश्यक है।
भजन संहिता में दाऊद कहता है, अगर यहोवा परमेश्वर मेरी ज्योति और उद्धार है। मैं किस से डरूं? यहोवा मेरे जीवन का दृढ़ गढ़ ठहरा है, मैं किस का भय खाऊं? भजन संहिता 27:1 kjv.
प्रभु मेरी ज्योति और मुक्ति है, तो मैं किस से डरूँ? प्रभु मेरे जीवन की रक्षा करता है, तो मैं किस से भयभीत होऊँ? स्तोत्र ग्रन्थ 27:1 catholic
पहले हम ज्योति के बारे बात करेंगे। अगर आपके जीवन में परमेश्वर की ज्योति है। अर्थात परमेश्वर है, तो आपको किस से डरना है? कैसे पता चलेगा कि परमेश्वर आपके जीवन में है? उसके लिए आपको क्या करना पड़ेगा? अगर आप चाहते हैं की, परमेश्वर आपके जीवन में रहे। आपके जीवन में काम करे। आपके जीवन का मार्ग बने। आपके जीवन का ज्योति हो। आपके जीवन का उद्धारकर्ता हो। उसके लिए आपको ज्योति में चलना होगा। अब सवाल आता है कि ज्योति क्या है? उस ज्योति को जानने के लिए वचन को पढ़ते हैं।
Today verses
प्रभु यीशु ने लोगों से कहा, जगत की ज्योति मैं हूं; जो मेरे पीछे हो लेगा, वह अन्धकार में न चलेगा, परन्तु जीवन की ज्योति पाएगा। यूहन्ना 8:12
अभी आप जान लिए की, प्रभु यीशु जगत की ज्योति हैं। अगर हमें जीवन में ज्योति चाहिए, तो हमें प्रभु यीशु के पीछे चलना होगा। प्रभु यीशु के पीछे चलने के लिए हमें ज्योति की तरह काम करना पड़ेगा। सवाल है की ज्योति का काम क्या है?
धीरज, आत्म संयम, सम्मान, सहनशील, दया, क्षमा, प्रेम, परोपकारी और अपना बुरे स्वभाव को परीवर्तन करना ज्योति का काम है। इसके साथ अंधकार के काम घमंडी, मतवाला पन, लुच पन, परक निंदा, कामुकता, चोरी,, लालच, व्यभिचार, ईर्ष्या, गंदी फिल्में देखना है, गंदी आदत, गंदी सोच, गंदी बातें को छोड़ दें। जो ईश्वर के दृष्टि में गलत है वह काम को छोड़ दें। अगर आप अंधकार के कामों को कर रहे हैं और उसके स्वभाव के अनुसार जी रहे हैं, तो यह जान लीजिए की परमेश्वर की ज्योति आपके जीवन में नहीं है। ज्योति अर्थात प्रभु यीशु आपके जीवन में नहीं है। प्रभु यीशु नहीं है, तो आपके जीवन में उद्धार नहीं है। समस्या है, बीमारी, परेशानी, संकट और सबसे बड़ा डर है।
आपके जीवन में प्रभु है, इसका मतलब उद्धार है।अगर आपके जीवन में प्रभु है, तो किस बात का डर है। आप किस से डरते हैं। आपको डराने वाला कौन है। संकट, बिमारी, परेशानी, भूत-प्रेत शैतान से भी डरना नहीं है। ये आपका कुछ बिगाड़ नहीं सकते हैं। प्रभु आपका रक्षा करने वाला, प्रभु आपका बचाने वाला है, प्रभु आपका सुदृढ़ गढ़ है, तो आप किस से डरते हैं। अगर आप तन, मन, हृदय से ईश्वर को प्रसन्न करते हैं। उनकी आज्ञाओं को मानते हैं। पाप को छोड़ने की प्रतीज्ञा करते हैं। आप सच्चे और खरे मन से चलते हैं। तो आपको किसी से डरने की कोई जरूरत नहीं है।
डरना है तो ईश्वर से डरें। जिसने सारी सृष्टि को बनाया। डरना है, तो इस बात से डरें कि आपका चाल चलन अच्छा नहीं है। डरना है तो इस बात से डरें की, आप ईश्वर की आज्ञा को नहीं मानते हैं। डरना है तो इस बात से डरें कि आप पाप कर रहे हैं। वरना आपको किसी से भी डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। जिस तरह सिक्का के उछाल ने से head और tail में से एक ही आता है। उसी प्रकार आपके सामने अच्छाई और बुराई दोनों रखा हुआ है। चुनाव करना आपका काम है। आप किसे चुनते हैं, यह आप पर निर्भर करता है। सावधान, अगर आप अच्छाई को चुनेंगे तो जीवन मिलेगा और बुराई को चुनते हैं, तो मृत्यु को गले लगा लेंगे।
Pray
सारी सृष्टि की ज्योति और मुक्त्ति जीवित परमेश्वर प्रभु यीशु, आपके चरणों में हम यह आशा करके आए हैं, कि आप वही ज्योति हैं, जो संसार में आने वाले थे। जो कोई आपके चरणों में आता है, उनको आप जीवन प्रदान करते हैं। जो लोग आप पर भरोसा रखते उन्हें निराश होना नहीं पड़ता है। जो कोई पूरे तन मन से आप पर श्रद्धा रखते हैं। उनकी आप प्रार्थना सुनते हैं, और उनके इच्छा के अनुसार फल प्रदान करते हैं। सर्ब शक्तिमान प्रभु जो आपको अपना प्रभु और ईश्वर मानते हैं। उनको आप हर प्रकार के संकट से बचा कर रखें। मैं यह निवेदन आपके चरणों में करता हूं। आमीन।।
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