स्वर्ग का धन क्या है | 2022

स्वर्ग का धन क्या है । आज लोग अपने घर, परिवार और भविष्य की जीवन जीने के लिए धन इकट्ठा करते रहते हैं। सुबह शाम,रात, दिन हर घड़ी, धन दौलत की बढ़ती के लिए, लोग काम करते रहते हैं। इस संसार में बसने वाले, सभी लोगों को, अपनी जीवन निर्वाह करने के लिए, अवश्य, धन की आवश्यकता होती है। पर, यदि मनुष्य, लालच, और बुराई छोड़कर, सत्य निष्ठा और ईमानदारी से, अपना कर्म करते हुए, दैनिक जीवन के निमित्त, कुछ धन कमाए, तो उचित है। दोस्तों, परन्तु आज हमें, यह भी जानना जरूरी है, कि मनुष्य को कैसी धन कमाना चाहिए। संसारिक धन, या स्वर्ग का धन। तो चलिए इसे आज हम, परमेश्वर की वचन के माध्यम से, समझने की कोशिश करते हैं।

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स्वर्ग का धन

देखिए, जब तक एक मनुष्य, पूरी तरह से सिद्ध नहीं हो जाता, तब तक सिर्फ धन ही नहीं! बल्कि सारे संसार की मोह माया का बन्धन से, वह, छूट नहीं सकता है। पर जिस धन को कमाने के लिए मनुष्य अपना जी जान लगा देता है। क्या वह उसे सुरक्षित रखने में सफल होता है। नहीं। क्योंकि, इस संसार का धन क्षण स्थायी तथा असुरक्षित है। इसलिए लोगों को स्वर्ग का धन कमाना भी अनिवार्य है।

क्योंकि मत्ती 6 अध्याय 19 से 21 की वचन यह कहता है। कि, अपने लिये पृथ्वी पर धन इकट्ठा न करो; जहां कीड़ा और काई बिगाड़ते हैं, और जहां चोर सेंध लगाते और चुराते हैं। परन्तु अपने लिये स्वर्ग में धन इकट्ठा करो, जहां न तो कीड़ा, और न काई बिगाड़ते हैं, और जहां चोर न सेंध लगाते और न चुराते हैं। क्योंकि जहां तेरा धन है वहां तेरा मन भी लगा रहेगा।

देखिए, हम लोग जिस धन को कमाने के लिए, अपना सम्पूर्ण जीवन लगा देते हैं, उस धन की, चोरी तथा सेंधमारी होने का, डर लगा रहता है। इसलिए परमेश्वर का वचन कहता है, कि, अपने लिए ऐसा धन इकट्ठा किजिए, जहां चोरी सेंधमारी और, न कीड़े या काई बिगाड़ने का डर हो। तो चलिए हम, उस वचन को भी पढ़ लेते हैं। जो परमेश्वर के मुताबिक वह स्वर्ग का धन क्या है।

बाइबल वचन में स्वर्ग का धन की जानकारी

लूका 12 अध्याय, 33 की वचन यह कहता है। अपनी संपत्ति बेचकर दान कर दो; और अपने लिये ऐसे बटुए बनाओ, जो पुराने नहीं होते, अर्थात स्वर्ग राज्य के लिए ऐसा धन इकट्ठा करो, जो घटता नहीं, और जिस के निकट चोर नहीं जाता, और कीड़ा नहीं बिगाड़ता।”

वाह भाई वाह। बहुत बढ़िया। यहां पर लोगों को, थोड़ी सी अपनी समझ और बुद्धि का उपयोग करना चाहिए। क्योंकि किसी व्यक्ति के पास, जितनी भी धन क्यों न हो। उसके लिए वह, कम ही लगता है। इसलिए परमेश्वर का वचन लोगों को खासकर स्वर्ग का धन को इकठ्ठा करने की शिक्षा देती है। क्योंकि धन की चिन्ता मनुष्य को, परमेश्वर यानी, सत मार्ग से अलग करके, बुराई के रास्ते पर चलने के लिए, लोगों को मजबुर करने में सक्षम हो जाता है।

इसलिए नीतिवचन 23 की 4 आयत इस प्रकार कहता है, धनी होने के लिये परिश्रम न करना; अपनी समझ का, भरोसा छोड़ना। यदि कोई व्यक्ति धनी होने के लिए, परिश्रम करता है, तो उसे हर वक्त, व्यस्त और, चिन्तित रहना पड़ता है। और एक बात, जिसके पास अत्यधिक धन है, वह अपने जीवन काल में भी, उसका उपयोग, सही से नहीं कर पाता है। इसलिए परमेश्वर की शिक्षा, लोगों की जीवन के लिए, अत्यन्त आवश्यक है।

स्वर्ग का धन पर मन लगाना चाहिए

स्वर्ग का धन
स्वर्ग का धन

देखिए, नीतिवचन 27 अध्याय 24 की आयत यह कहता है। क्योंकि सम्पत्ति सदा नहीं ठहरती; और क्या राजमुकुट पीढ़ी-पीढ़ी चला जाता है? इसलिए, जिस धन दौलत को हम लोग, जी जान लगा कर मेहनत करके, अपने पास रखना चाहते हैं, वह हमारे पास, सदा नहीं ठहरती है। क्योंकि नीतिवचन 23 अध्याय,5 में इस प्रकार लिखा है, की,क्या तू अपनी दृष्टि उस वस्तु पर लगाएगा, जो है ही नहीं? वह उकाब पक्षी की नाईं पंख लगा कर, नि:सन्देह आकाश की ओर उड़ जाता है।

दोस्तों, जिस धन पर हम अपना मन लगाते हैं, वास्तव में वह हमारा, है ही नहीं। क्योंकि धन पक्षियों की तरह इधर उधर उड़ती रहती है। इसलिए हमें संसारिक धन को छोड़कर, परमेश्वर और उसके जीवन्त वचन पर, मन लगाना चाहिए। क्योंकि हमारा असली धन तो, स्वर्ग राज्य में है। इसलिए संसारिक धन से, दान पुण्य करके, लोगों का कल्याण करते हुए, स्वर्ग राज्य के निमित्त अपने लिए, अक्षय धन अर्थात स्वर्ग का धन का संचय करना चाहिए।

देखिए, लूका 16 अध्याय, 9 की वचन भी यह कहता है। और मैं तुम से कहता हूं, कि अधर्म के धन से अपने लिये मित्र बना लो; ताकि जब वह जाता रहे, तो वे तुम्हें अनन्त निवासों में ले लें। अर्थात, यदि लोग अपने पास स्थित धन का उपयोग, जनहित और मानव कल्याण के लिए करते हैं, तो उस धन की वजह से उन्हें स्वर्ग राज्य में स्थान मिल सकती है।

निष्कर्ष

तो दोस्तो, अन्त में मैं यही कहूंगा कि, यदि धनी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उस धन उसके लिए, कोई काम का नहीं रहती है। परन्तु यदि जीवित रहते हुए, मानव जाति की कल्याण के लिए, धन का उपयोग करके, अपने लिए अक्षय स्वर्ग का धन संचय कर लिया जाए, तो मैं मानता हूं कि उस व्यक्ति का जीवन धन्य हो जाएगा। दोस्तों यदि आज का वचन आपको अच्छा लगे तो लाइक शेयर और सब्सक्राइब करना न भूलिएगा। शान्ति का परमेश्वर आपको, आशीष प्रदान करता रहे। आपका दिन शुभ हो। धन्यवाद।।|

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