यीशु मसीह का बुलाहट biblevachan.com

यीशु मसीह का बुलाहट अक्सर कोई-कोई माता-पिता से आप लोग यह कहते सुना होगा कि मेरा बच्चा बड़ा होकर बहुत नाम कमाएगा; बहुत बड़ा आदमी बनेगा; अपने माता-पिता का नाम रोशन करेगा इत्यादि इत्यादि। परन्तु संसार में अच्छे और बुरे दो तरह के लोग रहते हैं। एक भोले व्यक्ति की पहचान उसकी शक्ल-सुरत और मन मोह लेने वाली बातों से करना मुश्किल है। परन्तु उनकी पहचान अच्छी और बुरी कर्मों से हो सकती है। अच्छे इंसान बनने के लिए अच्छी संगति के साथ-साथ अच्छाई और सच्चाई से चलना चाहिए। इन्सान हमेशा से ही बुरे नहीं होते; परंतु अहंकार; अच्छी शिक्षा की कमी और सही मार्गदर्शन का अभाव के चलते मनुष्य दुष्ट स्वभाव का बन कर ईश्वर की बुलाहट को पहचान नहीं पाते हैं।

बुलावा की संपूर्ण शिक्षा। यीशु मसीह का बुलाहट

आजका विषय यीशु मसीह का बुलाहट अर्थात परमेश्वर की बुुुलावे के बारे में है। इसका अर्थ समझने के लिए एक बच्चे की उदाहरण ले सकते हैं। बच्चे किसकी बात ज्यादातर सुनते हैं; एक मां-बाप और दुसरा दोस्तों का; मैंने सही कहा ना! परन्तु बच्चे अपने मां-बाप से ज्यादा; दोस्तों के साथ घुल मिलकर बातें करते हैं। ऐसा क्युं होता है? इसलिए की बच्चे मां-बाप से डरते और घबराते हैं। क्योंकि लोग अपने मित्र को ही सभी बातें बताते हैं। यूहन्ना 15:15

लोग कहते हैं; की माता-पिता अच्छे गुरु भी होते हैं। परन्तु मैं कहता हूं; माता-पिता को अच्छे गुरु होने के साथ-साथ अच्छा दोस्त भी बनना चाहिए। तब एक बच्चे को संपूर्ण शिक्षा मिल सकती है; और सही मार्गदर्शन मिलने से ईश्वर की बुलाहट को पहचानने में कोई असुविधा नहीं होगी।

बुलाहट का वचन

क्या आप यीशु मसीह की बुलावे को सुनना चाहते हैं? वह आपको भी बुलाता है। परन्तु आप उसकी आवाज को सुनना नहीं चाहते। उदाहरण के स्वरुप; अगर आप शारीरिक अभिलाषा; कामुकता; क्रोध; आंखों की वासनाओं से लिप्त; बुरी-संगति तथा मोबाइल पर घिनौनी हरकत वाले विडियो को देखने से ईश्वर की आवाज को सुन नहीं पायेंगे। क्योंकि इन सब चीजें यीशु मसीह का बुलाहट को रोकना चाहती है।

मत्ती 4:18-22 के वचन में लिखा है; जब यीशु पतरस और आन्द्रियास; याकुब और यूहन्ना को गलील झील में जाल डालते और उसे सुधारते देख कर कहा मेरे पिछे चले आओ; मैं तुम्हें मनुष्य को पकड़ने वाले बनाउंगा।

फिर मरकुस 2:14 के वचन में भी देखने को मिलता है; कि चुंगी लेनेवाला हलफई के पुत्र लेवी को यीशु बुलाते हैं; और वह उनके पिछे हो लेता है। इस प्रकार यीशु मसीह का बुलाहट हम; आप और सभी लोगों को मिलता है। केवल अपनी अंतरात्मा की आवाज को पहचानने की आवश्यकता है।

देखिए उत्पति का 12:1-3 के वचन में ईश्वर ने भी अब्राम को बुलाया था। अगर ईश्वर की आवाज को अब्राम अनसुना कर देता; तो क्या उसे आशीष मिलती? नहीं न। और शाऊल जो गुंडा गर्दी कर के प्रभु के चेलों को सताता था; अगर वह यीशु मसीह का बुलाहट को अनसुना करता; तो वह महान प्रचारक संत पौलुस नहीं बनता। प्रेरितों के काम 9

यीशु मसीह का बुलाहट
यीशु मसीह का बुलाहट

उपसंहार

इस प्रकार बाइबल में बहुत सारे बुलाहट है; परंतु हमें यीशु मसीह का बुलावा अर्थात परमेश्वर की आवाज को सुनना चाहिए; कि वह हमें किसलिए और क्या बनने के लिए बुलाया है। एक बात का ध्यान रखें कि अगर आप संसारिक विषय वस्तु पर आकृष्ट होते हैं; तो यीशु मसीह का बुलाहट नहीं मिलेगा। क्योंकि ईश्वर अन्धा नहीं; जो उसकी दृष्टि से छुप सकते हैं; वह सबकुछ देखता है; इसलिए सावधान हो जाएं; और ईश्वर की दृष्टि में ईमानदार व्यक्ति बने। शान्ति दाता ईश्वर आपके साथ हमेशा रहे।। आमीन।।

God bless you for reading to continue.

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