क्रोध और शाप

क्रोध और शाप

जब आप क्रोधित होते हैं, तो शाप या आशीष मैं से आप कौन सा ग्रहण करते हैं। आजकल के लोग निश्चय ही शाप देंगे। क्योंकि वे क्रोधित होकर ऐसा करते हैं। तब लोग क्रोधित क्यों होते हैं? कोई-कोई लोग ऐसा हैं, जो जानबूझकर गुस्सा होते हैं। कारण कि वे अपने आप को ताकतवर और बुद्धिमान समझते हैं। वे नहीं जानते की ऐसी काम करके श्राप को अपने उपर बुलाकर लाते हैं। बिना वजह से जो लोग क्रोधित होते हैं, वे काल को अपने पास बुलाते हैं।

जो लोग नम्र लोगों को क्रोधित हो कर अत्याचार करते हैं, वे भारी दन्ड के योग्य होंगे। क्रोध एक ऐसा अग्नि है, जिसे control ना कर पाने से सबकुछ जलाकर भस्म कर देती है। परंतु मसीह लोगों को एक बात का ख्याल रखना चाहिए कि जब भी किसी कारण वजह से क्रोध आता है, तब यीशु के नाम से क्रोध को डांट दीजिए। क्रोध के वजह से जब कोईआपसे झगड़े तो उसे क्षमाकरें।

Today Bible verses

क्योंकि रोमियो 12:19 में लिखा है, हे प्रियो अपना पलटा न लेना; परन्तु क्रोध को अवसर दो, क्योंकि लिखा है, पलटा लेना मेरा काम है, प्रभु कहता है मैं ही बदला दूंगा।

अगर आप परमेश्वर की आज्ञाओं को सही तरीके से मान कर चलते हैं, तो बदला ना लेना। क्योंकि बदला लेने का काम प्रभु काम है। क्योंकि दुष्ट लोगों को पता नहीं है, की धर्मी जन को अत्याचार करने का मतलब ईश्वर को अत्याचार करते हैं। क्योंकि जो सच्चे मसीही लोगों को अत्याचार करता है, वह परमेश्वर की आंख की पुतली को छूता है।

आज के जमाने के लोगों को भले और बुरे का ज्ञान नहीं होता है। इसलिए जो बुरे लोग होते हैं, वे भी खुद को अच्छा आदमी समझ बैठते हैं। यही उनके लिए पतन कारण बनता है। उन लोगों को परमेश्वर भारी दंड देते हैं। धर्मी लोगों का सहारा परमेश्वर होता है। धर्मी लोगों को परमेश्वर बचाते हैं। इसलिए बेवजह लोगों से  क्रोधित होकर अपने उपर परमेश्वर की दंड  को निमत्रित ना करना। एक बात मैं आपको बताना चाहता हूं, की जो लोग  क्रोध के आवेश में आकर दुसरे से मार पिट, गालियां, और लड़ाई झगडे में लिप्त रहते हैं, वे इस बात से प्रसन्न रहते हैं, की वे दुसरे को परेशान करके अच्छा किए हैं।

परंतु मैं उन लोगों से यह कह देना चाहता हूं कि वे अपने पैरो पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं। वे अनजाने में शाप को दावत दे रहे। ज्यादा क्रोधित होना अपने शरीर के लिए भी हानिकारक है। क्रोध के कारण अनेक रोग भी होती है। जिसको हम blood pressure कहते हैं।  क्रोध भी एक रोग है। इससे बचने के लिए परमेश्वर से दुआ करें और खुद को नम्र बनाएं। क्रोध को त्यागना मनुष्य के लिए कितना भला है। संयम रखना सीखें और क्रोध को काबू करने के लिए प्रभु यीशु से निवेदन करें। आपके लिए कौन समस्या खड़ा कर सकता है। जब आपका प्रभु सारी सृष्टि के रचयिता परमेश्वर होगा। जब यीशु को आप अपना प्रभु मानेंगे, तब आपका कौन विरोध कर सकता है।  विरोधी ठोकर खाकर गिर जाएंगे।

इसलिए क्रोध करने से दूर रहें और क्रोध करने वाले लोगों से न डरें। अगर आप एक विश्वासी हैं, तब जानते हैं कि परमेश्वर आपकी सुनता है। परंतु जो क्षण भर में कोप कर बैठता है, उससे दूर रहें। और उस क्षणकोपी से मैं कहना चाहता हूं, कि वे परमेश्वर को डरें और अपना स्वभाव को सुधार कर परमेश्वर की इच्छा के अनुसार चलना सीखे। क्योंकि क्रोध करना मनुष्यों के हित में नहीं होता है। वह खामखा दूसरों को अपना दुश्मन बना लेता है। इसलिए सावधान रहें और समझदारी से काम लें। इससे आपकी जीवन में शांति और अमन बनी रहेगी।

Pray

जी पिता परमेश्वर खुदा यीशु मेरा यह नम्र निवेदन है, कि आप क्रोधी लोगों को सही ज्ञान प्रदान करें, जिससे वे अपना क्रोध को नियंत्रित कर सके और आप के दंड से बच पाए। विशेषकर की मसीही लोगों को आशीष प्रदान करना और गुस्सैल लोगों से बचा के रखना। आशीष और कृपा और शांति आपके मसीह लोगों को सदा सर्वदा मिलती रहे। आमीन।।

God bless you for reading continue.

2 thoughts on “क्रोध और शाप”

  1. सुंदर संदेश
    परमेश्वर आपको अपनी महिमा के लिए और भी इस्तेमाल करें

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