क्या महात्मा गांधी बाइबल के वचन को इस्तेमाल किया था?

महात्मा गांधी भारत की स्वाधीनता संग्राम का मुख्य नायक थे। अभी का समय में जिस प्रकार की यातायात के साधन है, उन दिनों में इस प्रकार का नहीं था। फिर भी महात्मा गांधी पैदल चल चलकर लोगों को स्वाधीनता संग्राम का शिक्षा देते थे। वह एक सशक्त पॉलिटिकल नेता थे। उन्हें ब्रिटिश नियम कानून का ज्ञान था, इसलिए वह अंग्रेजों का सामना करने से नहीं डरते थे। और उनका निरन्तर चेष्टा के बल से ही आखिर में सन 1947 August 15 तारीख में भारत स्वाधीनता प्राप्त करता है। पर आज हमें बाइबल के उस वचन के बारे में जानना है, जिसको महात्मा गांधी के द्वारा बोला गया था या नहीं।

ईसाई भाई-बहनों तथा अन्य लोगों को भी बाइबल का वचन को जानना अति आवश्यक है। क्योंकि हर प्रकार की जो अच्छी वचन है वह परमेश्वर के द्वारा पहले से ही बोला जा चुका है। बाकी समझने वाली बात यह है की, हम मनुष्य उसका इस्तेमाल किस तरह करते हैं। क्योंकि मनुष्य का जन्म से पूर्व ईश्वर का अस्तित्व था और वह सारी सृष्टि का मूल होने के नाते उसका वचन भी अविनाशी है। क्योंकि परमेश्वर का वचन जहां पर भी पहुंचता है, वहां सौ गुना फल उत्पन्न करता है।

महात्मा गांधी का कौन सा वचन बाइबल से मिलता जुलता है?

महात्मा गांधी जब अहिंसा का आंदोलन चलाया था, तब उसने कहा था, यदि कोई तुम्हारी एक गाल पर थप्पड़ मारे तो दूसरे को भी उसके सामने कर देना। जिन लोगों को बाइबल के बारे में पता नहीं है वह यही सच मानते हैं कि इसे महात्मा गांधी ने कहा था। हां भाइयों महात्मा गांधी इस वचन को जरूर कहा था परंतु यह महात्मा गांधी के जन्म से पूर्व बाइबल में लिखा जा चुका था; और यह (लुका 6:29) के वचन में लिखा गया है। प्रभु यीशु लोगों को इसके बारे में पहले से ही शिक्षा दे चुके हैं।

मैं मानता हूं कि अंग्रेजों को भगाने के लिए बहुत प्रकार की उपाय का अवलंबन किया गया था परंतु वे भारत छोड़ने को तैयार नहीं थे। परंतु जब अहिंसा नीति अर्थात प्रभु की वचन का इस्तेमाल हुआ तो उन्हें भारत छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। क्योंकि प्रभु का वचन (इब्रानियों 4:12) के अनुसार जीवित, प्रबल और किसी भी दोधारी तलवार से तेज है।

क्या महात्मा गांधी बाइबल के वचन को इस्तेमाल किया था?

महात्मा गांधी के तीन बंदर का वचन क्या बाइबल में लिखा है?

बिल्कुल; लिखा है अगर आप (यशायाह 33:15) के वचन को पढ़ेंग तो वहां इस प्रकार लिखा है; “जो धर्म से चलता और सीधी बातें बोलता; जो अन्धेर के लाभ से घृणा करता, जो घूस नहीं लेता; जो खून की बात सुनने से कान बन्द करता, और बुराई देखने से आंख मूंद लेता है। वही ऊंचे स्थानों में निवास करेगा।” यशायाह 33:15

पहली बात धर्म से चलकर सीधी बात बोलने का मतलब, गलत बात नहीं बोलना चाहिए, बुरी बातें बोलने के लिए अपना मुंह बंद करना चाहिए। दूसरा सुनने की बात चल रही हैं, जबकि वह लड़ाई झगड़ा वाली बात या अनेक प्रकार की बुराई की बात सुनने से अपना कान को बंद करना चाहिए। तीसरा यह है, कि बुराई नहीं देखना चाहिए। बुराई न देखने के लिए अपना आंख मूंद लेना चाहिए। बुराई के लिए आंख, कान और मुंह बंद करने वाली वचन को भी बाइबल में से आप देख लिए। तो इससे यह पता चलता है, कि महात्मा गांधी भी बाइबल का वचन को नीति शिक्षा के रूप में अपनाये थे।

निष्कर्ष

तो प्रभु के प्रिय लोग मैं उम्मीद करता हूं, की आज का इस वचन आपका विश्वास को मजबूत करने के लिए सक्षम हुआ होगा। क्योंकि ऐसा कोई भी वचन नहीं जिसे बाइबल में लिखा नहीं गया हो, पर इसे पढ़कर अपने हृदय में रखने वालों के ऊपर निर्भर करता है। अगर लोग बाइबिल को आधा अधूरा पढ़ेंगे तो उन्हें आधा अधूरा ही ज्ञान मिलेगा। इसलिए बाइबल को निरंतर पढ़ना चाहिए, जिसके द्वारा आप को सही मार्ग मिलेगा। क्योंकि (यूहन्ना 14:6) का वचन कहता है, मार्ग, सच्चाई और जीवन मैं ही हूं। जो समझदार हो वह समझ ले कि प्रभु आपसे क्या कहना चाहता है। धन्यवाद।।

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