Where will God be found-परमेश्वर हृदय के मंदिर में मिलेगा
Where will God be found; मेरे प्यारे ईश्वर के लोग आप सब जानते हैं, कि दुनिया भर में परमेश्वर को पाने के लिए, लोग मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा आदि धार्मिक स्थल पर जातें हैं। दुर दुर से लोग प्रभु को ढूंडने निकलते हैं। लोग कहते हैं,की वे प्रभु की दर्शन करने जा रहे हैं। क्या वे सही में परमेश्वर की दर्शन करते हैं? क्या मनुष्य निर्मित मंदिर में परमेश्वर निवास करते हैं? आज हमें जानना है, कि परमेश्वर लोगों के बनाए हुए मंदिर में रहते हैं, अथवा खुद का बनाया हुआ मंदिर में निवास करते हैं।
Today verses. Where will God be found
1 कुरिन्थियों 3:16 मैं लिखा है, क्या तुम नहीं जानते कि तुम परमेश्वर का मंदिर हो, और परमेश्वर का आत्मा तुम में वास करता है?
आज मैं खासतौर पर बाइबल का इस अध्ययन में यह पाठ लिखने का कारण यह है कि इस समय पूरे विश्व में lockdown चल रहा है। बहुत सारे लोगों के मन में यह अफसोस होता होगा; की उन्हें बहुत दिन हो गया; मंदिर, मस्जिद; चर्च; गुरुद्वारा इन सब जगह पर वे ईश्वर को दर्शन करने नहीं गए।
इसलिए उन लोगों को भी यह जानकारी होना चाहिए, की परमेश्वर कहां रहते हैं? इसलिए 1 कुरिन्थियों 3:16 में कहता है, क्या आप नहीं जानते, क्या आपको नहीं पता की आप कौन हैं? आप परमेश्वर की मंदिर हैं। अगर आप परमेश्वर की मंदिर हैं, तो परमेश्वर आपके अंदर में वास करता है। और परमेश्वर आपके अंदर में वास करता है, तो आप क्यों इधर उधर उनको ढूंढने जाते हैं? वह तो आपके अंदर में वास करता है। वह तो आपके दिल में रहता है। इसलिए आप लोगों को ज्ञात होना चाहिए की परमेश्वर का आत्मा आप में वास करता है।
पाप ना करें। Where will God be found
परंतु आपको अपनी अंतरात्मा की दृष्टि से देखना पड़ेगा। आपको पवित्र ताई से जीना पड़ेगा। आप को पाप से दूरी बनाए रखना पड़ेगा। आपको शारीरिक अभिलाषा से दूरी बनाए रखना पड़ेगा।
आपको शैतान का हर काम को त्यागना पड़ेगा। तब जाकर ईश्वर आप में निवास करेगा।
अर्थात आप जिस तरह स्नान करके अपने बाहरी शरीर को शुद्ध रखते हैं; उसी प्रकार आपके अंतरात्मा को भी शुद्ध और पवित्र रखें। क्योंकि वह परमेश्वर का मंदिर है।
अगर कोई परमेश्वर की मंदिर को नाश करेगा तो परमेश्वर उसको नाश करेगा; क्योंकि परमेश्वर का मंदिर पवित्र है और वह तुम हो। 1 कुरिन्थियों 3:17
परमेश्वर का मंदिर को नाश कौन कर सकता है? देखा जाए तो परमेश्वर की मंदिर को नाश करने वाला कोई पैदा नहीं हुआ है। परंतु मनुष्य उसे नाश करता है। आइए जानते हैं परमेश्वर की मंदिर को एक आदमी किस प्रकार नाश करता है। आपने पढ़ा कि परमेश्वर का मंदिर पवित्र है। इसका मतलब जब आप बुरी संगति करेंगे; बुरे काम करेंगे; काम, क्रोध; लोभ लालच, मोह माया आदि बुरे कर्म में लिप्त रहेंगे; तो ईश्वर आपसे दूर चले जाएंगे; क्योंकि परमेश्वर पवित्र हैं। और आप की पापों के कारण परमेश्वर के मंदिर अपवित्र; अर्थात नाश हो जाता है। इसलिए वह वहां से दूर चले जाते हैं; जब परमेश्वर आपके हृदय की मंदिर से चले जायेंगे; तो उसकी नाश होना निश्चित है। क्योंकि परमेश्वर की मंदिर हम, आप और सभी लोग हैं।
अपनी हृदय के वारे में वचन से शिक्षा प्राप्त करें।
लोग इस बात से भी अनभिज्ञ हैं; और कहते हैं कि यह शरीर मेरा है। क्या यह बात सच है; या फिर लोग अनजान से ही यह सब बात बोलते रहते हैं? उसके लिए आपको 1 कुरिन्थियों 6:19 पढ़ना पड़ेगा; जिसमें में लिखा है; क्या तुम नहीं जानते; कि तुम्हारी देह पवित्रात्मा का मन्दिर है; जो तुम में बसा हुआ है; और तुम्हें परमेश्वर की ओर से मिला है; और तुम अपने नहीं हो?
सच्ची बात, हमारा शरीर पवित्रात्मा का मंदिर है। जो हमारे अंदर में बसा है; और वह हमारा नहीं, बल्कि परमेश्वर का है; क्योंकि वह परमेश्वर की ओर से मिला है। अर्थात हमारा शरीर हमारा नहीं है; बल्कि ईश्वर की है।
आप सब समझ गए होंगे कि इस शरीर को पवित्र करने के लिए; परमेश्वर को आराधना करने के लिए; ना जाने हम कहां कहां जाते हैं। परंतु परमेश्वर तो हमारे ही अंदर में है;। हमारे ही मध्य में निवास करता है; रही बात ईश्वर को पाने की; तो अपना सारे कुकर्म को त्याग दें और अपने किए हुए; पापों के लिए प्रभु यीशु के नाम से पाप क्षमा के लिए पश्चाताप करें; प्रभु खुद वह खुद आपको मिल जाएंगे।
Pray
सर्वशक्तिमान परमेश्वर पिता; जो लोग आपको सच्चे मन से ढूंढते हैं; आपको पाने के लिए मंदिर; मस्जिद; चर्च; गुरुद्वारा; ना जाने कहां कहां भटकते रहते हैं। उन लोगों को आज का इस शिक्षा के द्वारा समझ प्रदान कीजिए; जिससे वे आपको सच्चे मन से पा सके। लोग आपको यहां वहां ढूंढने से नहीं पाएंगे; क्योंकि आप मनुष्य की बनाई हुई मंदिर में वास नहीं करते हैं; आप तो मनुष्य के हृदय में वास करते हैं।
इसलिए; हे पिता परमेश्वर दुख के समय या lockdown की घड़ी में सच्चे मन और सारे दिल से आपको; हृदय में खोजने के लिए; लोगों को सामर्थ्य प्रदान किजीए। विशेष करके इस संकट की घड़ी में उन लोगों की दुआओं को; सुनने के लिए कृपा कीजिए; जो लोग आप पर अटूट भरोसा और विश्वास करते हैं; क्योंकि हे प्रभु यीशु आपका नाम ही रोगों को हरने के लि; पर्याप्त है। इसलिए आपका बड़े नाम की महिमा के लिए उनकी प्रार्थना को सुनने का कृपा कीजिए; मेरा यह निवेदन स्वीकार करके स्वर्ग राज्य में ग्रहण करने की कृपा कीजिए। आमीन।।
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