सरदीस की कलीसिया के दूत को लिखे गए पत्र। संसार के सभी लोगों को अपनी आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए कर्म करना अनिवार्य है। जहां अच्छे कर्म लोगों को उनकी सफलताओं की बुलंदी पर पहुंचा सकती है; वहीं आलसी और कामचोर मनुष्य के ऊपर बोझ का पहाड़ टूट पडती है। समाज और अपने परिवार के लोग भी वैसे व्यक्ति के नाम सुनते ही चिढ़ने लगते हैं। परंतु जो व्यक्ति अपने जीवन में हर प्रकार की अच्छे कर्मों में सक्रिय रहता है, उसे सफलता मिलती है; और उसका नाम बहुत दिनों तक याद रखा जाता है। ईश्वर भी निष्ठावान लोगों से प्रसन्न रहते हैं। परन्तु आलसी और कामचोर लोगों को ईश्वर के राज्य में भी स्थान मिलना मुश्किल है। अगर आप जानना चाहते हैं; कि प्रभु कलीसियाओं से क्या कहना चाहते हैं; तो प्रकाशित वाक्य 3:1-6 के इस वचन को जरूर पढ़ने की कष्ट करें।
प्रभु की नजर में सरदीस की कलीसिया की कर्म
सरदीस की कलीसिया के दूत को लिखे गए पत्र में अपने पास परमेश्वर के सात आत्मा और सात तारें रखने वाले प्रभु यीशु ,प्रकाशित वाक्य 3:1 के वचन में यूं कहता है; कि मैं तेरे कामों को तो जानता हूं। अर्थात संसार में रहने वाले सभी मनुष्य के कामों को चाहे वह पास्टर हो या मास्टर; विश्वासी हो या अविश्वासी चाहे वह किसी भी प्रकार के काम करने वाले व्यक्ति क्यों न हो, सबका काम को परमेश्वर जानते हैं। इसलिए वह कहते हैं; तु जीवता तो कहलाता है, पर मरा हुआ है! अर्थात तु काम तो करता है, पर आधा-अधूरा काम करने वाले ठग, कामचोर और नालायक मनुष्य है। इसलिए प्रकाशित वाक्य 3:2 में प्रभु कहते हैं, तु जाग जा, उठ और सक्रिय हो जा; क्योंकि तुझमें जितना भी अच्छा काम था; वह तेरे भोग-विलास और संसारिक मोह-माया के कारण मिटने वाला है; पीछे मुड़कर देख तु कहां से कहां गिर चुका है, अपने आप को जांच, तु कौनसा काम करता था; और अभी क्या काम कर रहा है। इसलिए मनुष्य को वर्तमान के साथ-साथ अपने अतीत को भी झांक कर देखना चाहिए, कहीं वह गलत दिशा में तो नहीं भटक गया है।
प्रभु का दिन के बारे में सरदीस की कलीसिया को अवगत कराया जाता है
सरदीस की कलीसिया के दूत को लिखे गए पत्र में प्रभु यीशु लोगों को सचेत करवाना चाहते हैं, की प्रभु के दिन के बारे में कोई नहीं जानता। क्योंकि प्रभु का दिन चोर की तरह आने वाला है; क्या उस दिन के लिए हर कोई इंसान तैयार है, नहीं! वल्कि दिन प्रतिदिन मानव जाति ईश्वर की आज्ञा और नियम के विरुद्ध काम करते जा रहे हैं। ऐसा न होता तो प्रभु लोगों के खिलाफ शिकायत करके न कहता, की मनुष्य का काम और चाल-चलन संपूर्ण और सही नहीं है। इसलिए एक चेतावनी के तौर पर प्रभु कहते हैं; की मन फिराओ। परंतु मनुष्य है कि, बुराई से मन फिराने के बजाएं और ज्यादा बुराई करते रहता है। फिर भी मनुष्य अपने आप को दोषी नहीं मानता; और कहता है कि वह उत्तम कार्य कर रहा है। परंतु प्रभु का दिन चोर कि नाई आने वाला है, (2 पतरस 3:10) इसलिए तुमसे प्रभु चाहते हैं, कि पश्चाताप करो और पुराना स्वभाव को छोड़कर नई सृष्टि बन जाओ।
पाप की अशुद्धता
सरदीस की कलीसिया के जरिए प्रभु लोगों से कहना चाहते हैं; जो अपना वस्त्र को अशुद्ध नहीं किया है, अर्थात अपना शरीर को जो लोग अशुद्ध नहीं किए हैं, वे प्रभु के साथ रहेंगे। क्योंकि इस संसार में आत्मा का वस्त्र शरीर है, और अगर शरीर गंदा हो अर्थात पाप के द्वारा मैला किया गया हो, तो उसे प्रभु ग्रहण नहीं करता है। मान लीजिए कोई सफेद वस्त्र पहना है, और उस पर किचड़ पड़ जाए तो क्या वह अच्छा दिखता है। जिस तरह एक बूंद किचड़ भी संपूर्ण वस्त्र को मैला कर देती है; उसी प्रकार मनुष्य के द्वारा किया गया एक पाप भी संपूर्ण शरीर को अशुद्ध बना देती है। (1 थिस्सलुनीकियों 4:7) में वचन कहता है; परमेश्वर तुम्हें अशुद्ध होने के लिए नहीं बुलाया है, परंतु वह चाहता है कि तुम पवित्र बनो। जो अंत तक अपने आप को पवित्र बनाए रखेगा, उनको प्रभु की ओर से श्वेत वस्त्र पहनाया जाएगा।
जीवन की पुस्तक
जिस तरह देश की नागरिकता का प्रमाण के लिए परिचय पत्र की आवश्यकता पड़ती है; उसी तरह स्वर्ग राज्य में प्रवेश के लिए जीवन की पुस्तक में नाम होना आवश्यक है। प्रकाशित वाक्य 20:15 के वचन कहता है, जिसका नाम जीवन की पुस्तक में नहीं मिला, उनको आग की झील में डाला गया। तो जान लेना भी अति आवश्यक है; की किन-किन लोगों के नाम जीवन की पुस्तक नहीं मिलेगा? प्रकाशित वाक्य 21:27 के वचन कहता है, अपवित्र लोग, घृणित काम करने वाले; व्यभिचारी, झूठे या किसी भी प्रकार की पाप में लिप्त रहने वाले लोगों के नाम प्रभु की जीवन पुस्तक में नहीं लिखा जाएगा। अर्थात जो लोग निष्पाप और निष्कलंक होंगे, उन्हीं का नाम जीवन की पुस्तक में लिखा जाएगा। इसलिए प्रभु पहले से ही सरदीस की कलीसिया के दूत के द्वारा लोगों को आगाह करा देना चाहते हैं, कि लोग पाप से दूर रह कर अपने आप को पवित्र बनाए रखें।
निष्कर्ष
मैं एक बात बार-बार दोहराना चाहता हूं, की संसार में रहने वाले प्रत्येक इंसान बीमारी, भूत प्रेत और लोगों की धमकी से डरते हैं; परंतु वे यह नहीं जानते कि यदि परमेश्वर उनके साथ रहेगा, तो कोई भी उनका बाल भी बांका नहीं कर सकता है। इसलिए डरना है, तो परमेश्वर से डरें। क्योंकि जब उसका डंडा चलता है, तो बड़े से बड़े बिगड़ैल नवाब भी सीधे हो जाते हैं। क्योंकि वह महान और भय योग्य ईश्वर है। क्योंकि वह सर्वशक्तिमान, प्रभुओं का प्रभु और किसी का पक्षपात न करने वाले महान और भय योग्य ईश्वर है। (व्यवस्थाविवरण 10:17) इसलिए सिर्फ सरदीस कलीसिया के दूत को ही नहीं, बल्कि संपूर्ण विश्व की कलीसियाओं के पास्टर और धर्म प्रमुखों के द्वारा लोगों को अच्छी शिक्षा देने के लिए प्रभु आशा करते हैं।