Good friday यानी पुण्य शुक्रवार; यह ईश्वर पुत्र यीशु की मृत्यु के दिवस तथा ईसाई लोगों का एक पर्व है। जिसे सभी लोगों को जानना अति आवश्यक है। क्योंकि संसार में जब भी कोई बच्चा पैदा होता है; तो लोग खुशी मनाते हैं; और मरने के समय दुखित होते हैं। परंतु प्रभु यीशु का जन्म और मृत्यु मनुष्य जाति के लिए खुशियां लेकर आया था। यीशु का जन्म संसार में उद्धारकर्ता का प्रगट होने कि खुशियां प्रदान करता है; और उनकी की मृत्यु; मनुष्य जाति के सारे अधर्म और पापों का प्रायश्चित करता है। क्योंकि यीशु मसीह मनुष्य जाति के पापों के लिए मर गए थे। 1 कुरिन्थियों 15:3
मनुष्य को मृत्यु से बचाने के लिए Good friday
Good friday के दिन में प्रभु यीशु को मनुष्य की पापों के कारण अपने जीवन का बलिदान देना पड़ा था। क्योंकि सृष्टि के प्रारंभ से ईश्वर जब मनुष्य को बनाया था; तब मनुष्य पापी न था। परंतु शैतान के चंगुल में फंसकर मनुष्य पाप कर बैठता है; और इस पाप का परिणाम इतना भयंकर था; की मनुष्य को ईश्वर से अलग होना पड़ा। क्योंकि पाप और ईश्वर एक साथ नहीं रह सकते हैं।
पर जिस तरह संसारिक माता-पिता नहीं चाहते कि बच्चे उनसे अलग हो जाएं। वैसे ही ईश्वर भी सृष्टिकर्ता होने के कारण सबका पिता हैं। इसलिए वह भी नहीं चाहते हैं, कि मनुष्य उनसे अलग रहे। पर पाप के कारण मनुष्य को परमेश्वर से अलग होना पड़ा था।
व्यवस्था की पूर्णता Good friday
इस कारण जब भी कोई व्यक्ति पाप करके ईश्वर से दूर हो जाता था; तो व्यवस्था के मुताबिक प्रभु के करीब आने के लिए; दोषबलि चाहे पापबलि चढ़ाना पड़ता था (लैव्यवस्था 5:6)। परन्तु अलग-अलग पाप के लिए; दोष बलि भी अलग-अलग प्रकार का और बार बार चढ़ाना पड़ता था।
ईश्वर ने देखा कि मनुष्य पाप बलि चढ़ाने के वाबजूद भी लगातार पाप कर रहा है; और उसके प्रायश्चित के स्वरूप बार-बार किसी भेड़ बकरी या जीव जंतु का बलि चढ़ाना पड़ रहा है। इसलिए परमेश्वर ने एक योजना बनाई की प्रायश्चित की बलि बार बार नहीं; बल्कि एक बार चढ़ाया जाए। परंतु वह भी निष्कलंक और पवित्र होना चाहिए। पर संसार में ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं था; जो ईश्वर की यह योजना को पूरा कर सके। इसलिए ईश्वर ने अपना एकलौता पुत्र यीशु को इस जगत में लोगों की पापों का प्रायश्चित के लिए भेजा। यीशु ने वाचा अर्थात प्रतिज्ञा का वह लहू बहा कर पिता ईश्वर की योजना को Good friday के दिन पूरा किया था। (मत्ती 26:28) (मरकुस 14:24)
पवित्र शास्त्र Good friday के बारे में क्या कहता है
Good friday का मतलब प्रभु यीशु की मृत्यु का शोक दिवस है। क्योंकि यीशु की मृत्यु का असली कारण मनुष्य जाति का उद्धार और पवित्र शास्त्र की बातों को पूरा करने के वजह से हुआ था। जरा सोचिए; जिसने अंधे को आंख; लंगड़े को पैर; गूंगो को वाणी और मुर्दों को जिंदा कर सकता है; क्या वह क्रुस पर मर सकता है। या उसे कोई मार सकता है। कदापि नहीं! परंतु ईश्वर की इच्छा को पूरा करने के लिए; वह दुःख सहता रहा और अपना मुंह न खोला। (यशायाह 53:7-12)
मरकुस 14:49 के वचन के अनुसार देखा जाए तो; यीशु मन्दिर में और सबके सम्मुख उपदेश देने के बावजूद भी किसी ने उसे नहीं पकड़ा; परन्तु पवित्र शास्त्र की बातें पूरा होना आवश्यक था। इसलिए उसे क्रुस पर चढ़ाया गया था। (मत्ती 26:53-56) के वचन में यीशु यह बताने की कोशिश करते हैं; कि पवित्र शास्त्र और भविष्यद्वक्ताओं के वचन को पूरा करना आवश्यक था। अन्यथा उसे कोई नहीं पकड़ सकता था।
यीशु की मृत्यु का भविष्यय वाणी
कोई भी मनुष्य अपना जीवन काल का वर्तमान और भविष्य के बारे में नहीं जान सकता है। या अपने जीवन और मृत्यु की अन्त के घड़ी के बारे में बता नहीं सकता है। परंतु ईश्वर के लिए कुछ भी असंभव नहीं है। Good friday के बारे में और एक महत्वपूर्ण बात का पता चलता है; कि प्रभु यीशु चेलों को अपनी मृत्यु किस प्रकार होने वाला है; पहले से ही एक बार नहीं! बल्कि तीन बार बता चुके थे। परन्तु वे इस बात को समझ नहीं पाए थे। क्योंकि वे उसे पूछने का साहस नहीं करते थे। यह (मत्ती 16:21; मत्ती 17:22-23; मत्ती 20:18-19) की इस वचन से ज्ञात होता है कि; ईश्वर की योजना लोगों के लिए स्पष्ट थी।
शुरू में ईश्वर नबियों के द्वारा लोगों से बातें की; आज्ञा ना मानने पर दंड भी दिया। फिर भी मनुष्य का ईश्वर के प्रति भय न रहा; और परिवर्तन न होकर पाप पर पाप करता रहा। इसलिए जब मनुष्य ईश्वर की दंड से भयभीत न हुआ; तो ईश्वर अपनी प्रेम और करुणा के द्वारा मनुष्य को अपने ओर खींच लाने के लिए; अपने इकलौते पुत्र को सूली पर चढ़ा दिया। जिससे जो कोई उस पर विश्वास करे वह अनन्त जीवन पाएगा।
निष्कर्ष
Good friday का यह दिन हमें यह बताता है; कि क्या हम अपनी बोली वचन और चाल चलन से ईश्वर के करीब हैं? क्या हम अपने पुराने स्वभाव को छोड़कर ईश्वर की इच्छा के अनुसार जीवन जी रहे हैं? अगर अब तक नहीं बदले हैं; तो ईश्वर की उस महान अनुग्रह को स्मरण करें; जिसने मानव जाति की उद्धार के लिए अपनी पुत्र की मृत्यु को स्वीकार कर ली।
जरा सोचिए; अगर ईश्वर पापियों को दंड देने लग जाए; तो कोई भी मनुष्य जीवित न रहेगा; क्योंकि सब ने पाप किया है (रोमियो 3:23)। इसलिए मनुष्य को सुधरने का अंतिम अवसर के तौर पर; जिस तरह प्रभु यीशु, अपनी क्रुस की मृत्यु के द्वारा; पाप कि मृत्यु को नाश किया; उसी तरह प्रत्येक मनुष्य को यीशु मसीह के साथ क्रुस पर मरा हुआ और ईश्वर के लिए; जीवित समझ कर फिर कभी भी पाप नहीं करना चाहिए। आमीन। हाल्लेलुया।।
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गुड फ्राइडे क्या है?
Good friday यानी पुण्य शुक्रवार; यह ईश्वर पुत्र यीशु की मृत्यु के दिवस तथा ईसाई लोगों का एक पर्व है।
गुड फ्राइडे का मतलब क्या होता है?
Good friday का मतलब प्रभु यीशु की मृत्यु का शोक दिवस है। जिसे प्रतिवर्ष चालीसा काल के अंतिम चरण पर मनाया जाता है।
गुड फ्राइडे कैसे मनाया जाता है?
चर्च में प्रार्थना; उपवास और प्रभु यीशु की दर्दनाक मृत्यु को स्मरण करने के लिए; लोगों के द्वारा क्रुस रास्ता का समारोह में सम्मिलित होकर गुड फ्राइडे मनाया जाता है।