Easter day message in hindi

Easter day message in hindi
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Easter day message in hindi; Hello guys सबसे पहले मैं आपको happy Easter day का शुभकामना देता हूं। Jesus आपको शान्ति और blessings प्रदान करे। Easter एक ऐसा त्यौहार है, जो चालीस दिन का lent के बाद ईसाइ लोग मनाते हैं। अगर प्रभु यीशु good Friday के दिन क्रूस पर ना मरे होते तो हम और आप लोग Easter day नहीं मना सकते थे। अर्थात प्रभु यीशु का पुनरुत्थान दिवस। इसके बारे जानने के लिए कुछ बातों को समझना पड़ेगा।

बहुत सारे लोगों के मन में कुछ इस प्रकार की सवाल आता है, अगर यीशु प्रभु थे तो क्रुस पर दर्दनाक मौत क्यों मारे गए? क्या प्रभु यीशु मौत को टाल नहीं सकते थे?

देखिए जब ईश्वर ने मनुष्य को बनाया तब वह नहीं चाहते थे; उनका बनाया हुआ मनुष्य मर जाए। परंतु धूर्त शैतान ने आदम और हव्वा को फंसा कर ईश्वर की आज्ञा को भंग कर दिया।

ईश्वर की आज्ञा को ना मानने के कारण मनुष्य के अंदर में पाप प्रवेश किया। फिर मनुष्यों पर मृत्यु राज करने लगा। पाप के क्षमा के लिए लोगों ने होम बलि, मेमना बलि और बहुत सारे बलिया ईश्वर को चढ़ाते थे। जिससे उनका पाप क्षमा हो। परंतु मनुष्यों का पाप को क्षमा करने के लिए हर बार बलि चढ़ाना पड़ता था।

ईश्वर की योजना। Easter day message in hindi (मत्ती 28)

इसलिए ईश्वर ने एक योजना बनाई, जिससे एक बार कि बलिदान से ही मनुष्यों का पाप क्षमा हो जाए। इसलिए प्रभु यीशु इस संसार में आये और खुद अपना बलिदान देकर मनुष्यों का पाप को क्षमा किया। वह किसी होम बलि या तो मेमना की बलि से नहीं बल्कि प्रभु यीशु की पवित्र लहू कि बलिदान से सम्भव हुआ।

वह चाहते तो मृत्यु को भी टाल सकते थे। परन्तु उनका संसार में आने का मकसद पुरा नहीं होता। जैसे कि धर्म ग्रंथों में लीखा था, कि मसीह को दुःख उठाना, क्रुस पर मरना और तीसरे दिन जी उठना है। मती अध्याय इक्कीस वचन संख्या सोलह में लिखा है। उस समय से यीशु अपने चेलों को बताने लगा कि मैं अवश्य है, कि यरूशलेम को जाऊं, और पुरनियों और महायाजकों और शास्त्रियों के हाथ से बहुत दुख उठाऊं; और मार डाला जाऊं; और तीसरे दिन जी उठूं। प्रभु यीशु बहुत बार अपने चेलों को बताए थे, कि उनको मरने के तीसरे दिन बाद जी उठना होगा। पर यह बात उन की समझ में नहीं आई थी, और वे उस से पूछने से डरते थे।

प्रभु यीशु मौत को भी टाल सकते थे। मती अध्याय छब्बीस , वचन संख्या तिरपन और चौवन में लिखा है। प्रभु यीशु ने उनके पकड़ने वालों से कहा, क्या तुम यह समझते हो कि मैं अपने पिता से सहायता नहीं माँग सकता? तब क्या वह अभी मेरे लिए स्वर्गदूूतों की बारह से भी अधिक सेनाए नहीं भेज देगा? लेकिन तब धर्मग्रन्थ कैसे पूरा होगा? उस में तो लिखा है कि ऐसा ही होना आवश्यक है।

येशु की योजना। Easter day message in hindi

यीशु चाहते तो उन्हें कोई भीपकड़ नहीं सकता था। परंतु प्रभु यीशु ने धर्म ग्रंथ का लेखा को पूरा करने के लिए स्वेच्छा से खुद को समर्पण कर दिया। प्रधान याजक, यहूदियों के नेताओं को लगता था कि वे लोग प्रभु यीशु को मौत कि सजा दे रहे हैं। परंतु वे नहीं जानते थे, कि ईश्वर की योजना को अनजाने में पूरा कर रहे थे। संसार में बहुत लोग आये और मर गये। परन्तु प्रभु यीशु को छोड़ कोई भी जीन्दा वापस नहीं आया।

प्रभु यीशु इस संसार को बताना चाहते थे; कि वह जिंदा परमेश्वर हैं। उनका मौत नहीं हो सकती है। लुका अध्याय चौबीस वचन संख्या एक से लेकर आठ तक में लिखा है। परन्तु सप्ताह के पहिले दिन बड़े भोर को वे उन सुगन्धित वस्तुओं को जो उन्होंने तैयार की थीं, ले कर कब्र पर आईं।

और उन्होंने पत्थर को कब्र पर से लुढ़का हुआ पाया। और भीतर जाकर प्रभु यीशु की लोथ न पाई। जब वे इस बात से भौचक्की हो रही थीं तो देखो, दो पुरूष झलकते वस्त्र पहिने हुए उन के पास आ खड़े हुए। जब वे डर गईं, और धरती की ओर मुंह झुकाए रहीं; तो उन्होंने उन ने कहा; तुम जीवते को मरे हुओं में क्यों ढूंढ़ती हो? वह यहां नहीं, परन्तु जी उठा है; स्मरण करो; कि उस ने गलील में रहते हुए तुम से कहा था। कि अवश्य है, कि मनुष्य का पुत्र पापियों के हाथ में पकड़वाया जाए, और क्रूस पर चढ़ाया जाए; और तीसरे दिन जी उठे। तब उस की बातें उन को स्मरण आईं।

प्रभु सब कुछ जानते थे।

जो बात प्रभु यीशु ने उनके चेलों को मरने से पहले कहा था, कि मनुष्य पुत्र को दुख उठाना पड़ेगा; मरना और तीसरे दिन में जी उठना होगा; यह बात उनको समझ में नहीं आया था। इसलिए जो स्त्री लोग गलील से आई थी; वे सप्ताह के प्रथम दिन सुगंधित द्रव्य लेकर यीशु की कब्र के पास गई; परंतु वे देखे कि पत्थर लुढ़का हुआ है, और प्रभु का लोथ कब्र के भीतर नहीं है; तभी दो स्वर्ग दूत ने आकर उनके सामने खड़े हो गए; और उनसे कहा जीविते को मरे हुए मैं क्यों ढूंढते हो; स्मरण करो कि मनुष्य पुत्र को पापियों के हाथ में पकड़ाया; जाना क्रुस पर मार डाला जाना और फिर तीसरे दिन जी उठना आवश्यक था। इसका अर्थ प्रभु यीशु जीवित है; इसलिए लोग Easter day मनाते हैं।

परंतु एक बात आपको मानना ही पड़ेगा की आज से पहले जितने भी Easter day मनाए गए हैं; वह हर्षोल्लास के साथ मनाए गए हैं; पर इस बार की Easter day थोड़ा अलग होगा; पहले आप चर्च जाते थे। परंतु अब घर में प्रभु से आप दिल से connect हो सकते हैं।

यह मान लीजिए कि आपके दिल में प्रभु यीशु जी उठे हैं। उन्होंने कहा है पुनरुत्थान और जीवन मैं हूं! मुझ पर बीश्वास करते हुए जो जीता है; वह कभी नहीं मरेगा। आप को प्रभु यीशु भरोसा दिला रहे हैं; कि अगर आप उन पर विश्वास करेंगे; तो वह आपको मरने पर भी अंतिम दिन में पुनर्जीवित कर देंगे। अर्थात वह जीवित हैं; इसका मतलब है; कि आपको भी वह पुनर्जीवित कर देंगे।

God bless you for reading continue.

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