बाइबल वचन यूहन्ना 1:1 “आदि में वचन था, वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था।” यूहन्ना 1:1
यहां पर लिखा है; की सृष्टि के प्रारंभ से वचन था। वचन का मतलब मुंह से निकलने वाली शब्द है। मनुष्य के मुंह से निकलने वाली शब्द में सामर्थ नहीं है; परंतु ईश्वर के वचन शक्तिशाली है। क्योंकि उत्पत्ति 1:3 में लिखा है; “तब परमेश्वर ने कहा, उजियाला हो: तो उजियाला हो गया।”
देखिए! उजियाला हो एक शब्द है; और इसे परमेश्वर ने जैसे ही कहा; तुरंत उजियाला हो गया। बुद्धिमान लोग यहां पर सवाल करेंगे; कि परमेश्वर के जैसा मनुष्य भी तो वचन बोलते हैं; परंतु जैसे कहते हैं; वैसे वह क्यों नहीं होता है? लो भाई! इन्हें कौन समझाएगा की मनुष्य ईश्वर नहीं; बल्कि पापी और एक बड़ा अविश्वासी है; इसलिए वे जो भी कहते हैं; वह सच नहीं होता है। और एक बात जान लें कि परमेश्वर के मुंह से निकलने वाले प्रत्येक वचन जीवित है। इब्रानियों 4:12
वचन परमेश्वर के साथ। बाइबल वचन यूहन्ना 1:1
और लिखा है; की वचन परमेश्वर के साथ है। क्योंकि यशायाह 55:11 में लिखा है; “उसी प्रकार से मेरा वचन भी होगा जो मेरे मुख से निकलता है; वह व्यर्थ ठहरकर मेरे पास न लौटेगा; परन्तु, जो मेरी इच्छा है; उसे वह पूरा करेगा, और जिस काम के लिये मैं ने उसको भेजा है; उसे वह सफल करेगा॥”
अर्थात जैसे लोगों के साथ उनके परिवार और दोस्त रहते हैं; वैसे ही परमेश्वर के साथ वचन है।
और भी लिखा है; की वचन परमेश्वर था। एक सवाल मैं आप लोगों पुछता हुं; कि क्या कभी आप वचन अर्थात शब्द को देखें हैं? नहीं! कोई भी नहीं देखा होगा; है न।क्योंकि वचन ही परमेश्वर है। जब वचन मनुष्य के हृदय में निवास करता है; तो लोग बुराई को छोड़कर सच्चाई में चलने लगते हैं। क्योंकि लोग वचन अर्थात परमेश्वर के मुताबिक चलते हैं।
मैं उम्मीद करता हूं; की बाइबल वचन यूहन्ना 1:1 के बारे में आप को समझ आ गई होगी। क्योंकि इस वचन से खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं; की वचन अर्थात परमेश्वर आपके साथ है; या नहीं। अगर नहीं; तो आप के हृदय से हर प्रकार की बुराई और पाप को निकाल कर फेंक दीजिए ; जो परमेश्वर को आप के पास आने से रोकता है।
God bless you for reading to continue.