बाइबल वचन MERRY CHRISTMAS क्रिसमस day क्यों मनाया जाता है? दरअसल क्रिसमस या बड़ा दिन एक ऐसा पर्व है; जिसे दिसंबर 25 को ईसा मसीह का जन्म पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह ईसाइयों का एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस पर्व को लोग बड़ी धूमधाम के साथ पालन करते हैं। इस दिन सभी लोग नए कपड़े पहन कर चर्च जाते हैं। खुशी का माहौल चारों तरफ बना हुआ रहता है। यह पर्व 24 दिसंबर से ही शुरू हो जाता है; और बहुत सारे देश में क्रिसमस का अगला दिन बॉक्सिंग डे; सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस डे भी मनाया जाता है।
क्रिसमस का मतलब। बाइबल वचन MERRY CHRISTMAS
परन्तु बहुत सारे लोग यह भी नहीं जानते हैं; की क्रिसमस क्यों मनाया जाता है? पर्व के समय में कुछ लोग नाच गाना; खाना पीना; मौज-मस्ती करने में लगे रहते हैं। पर क्या ऐसा करना सही है? क्या बाकी के दिनो में यह सब नहीं की जा सकती है? मौज-मस्ती बाकी के दिनों में भी हो सकता है; उसे क्रिसमस के दिन में क्यों कर लेते हैं? वाह भाई वाह; क्या क्रिसमस या पर्व के दिनों में ही मौज-मस्ती करने को मिलता है; और बाकी के दिनों में नहीं मिलती? आप खुद को एक ईसाई कहते हैं; और प्रभु की वचन को नहीं मानते हैं; तो आप कैसे ईसाई हैं? खुशी मनाइए; पर आज्ञा मानकर! आज्ञा के खिलाफ जाकर नहीं।
पवित्रता का दिन। बाइबल वचन MERRY CHRISTMAS
एक बात मैं आपसे पूछना चाहता हूं? क्या ईश्वर पवित्र हैं? या अपवित्र? जाहिर सी बात है; कि कोई अपवित्र नहीं कहेगा; क्योंकि ईश्वर पवित्र हैं। इसी प्रकार आप लोगों को भी पवित्र बनना चाहिए। मगर नए कपड़े पहन के सज धज कर बाहर से सुंदर दिखने से कोई पवित्र नहीं बन जाता! क्रिसमस के दिन खा पीकर; मौज-मस्ती और बुराई काम करके खुद को अपवित्र करने का दिन नहीं होना चाहिए? बल्कि पाप और बुराई को अपने अंदर से संपूर्ण रुप से परित्याग करने की प्रतिज्ञा लेना चाहिए।
अगर आप प्रभु का जन्म पर्व मनाते हैं; और प्रभु आपके हृदय में जन्म नहीं लेते हैं; तो क्रिसमस का कोई मतलब नहीं रहता है। आपके ह्रदय में प्रभु का जन्म होना; अर्थात पाप और बुराई को त्यागना। क्योंकि जहां प्रभु है; वहां पाप नहीं रह सकता! अगर आप पाप को नहीं छोड़ते हैं; तो समझ लीजिए; कि आप पवित्रता से जीना नहीं चाहते हैं; इसलिए क्रिसमस का दिन मौज-मस्ती के दिन ना होकर त्याग मय जीवन का दिन होना चाहिए।
ईश्वर की क्रोध से बचना चाहिए
दोस्तों; अगर मैं क्रिसमस समय में आपकी खुशियों पर पानी फेर दिया हूं; तो मुझे माफ करना। परंतु मैं इसके जरिए से असली क्रिसमस पर्व को मनाने के बारे में बताने की कोशिश कर रहा हूं। क्योंकि क्रिसमस डे के नाम पर अगर खुद को बार-बार अपवित्र करते रहेंगे; तो ईश्वर की क्रोध से आपको कोई बचा नहीं सकता! मनुष्य कौन हो सकता है; जो ईश्वर को चुनौती दे सके? इसलिए ईश्वर की क्रोध को भड़काने के बजाय पश्चाताप करके पापों को त्यागना चाहिए। मैं उम्मीद करता हूं; कि आप अच्छी तरह समझ गए होंगे; क्योंकि आप समझदार हैं। ईश्वर आपको बहुत सारे आशीष प्रदान करे; हैप्पी क्रिसमस डे।। MERRY CHRISTMAS!!
God bless you for reading to continue.