उद्धार क्या है? उद्धार का छे रंग क्या है; और कैसा होना चाहिए? बाइबल इसके बारे में क्या कहता है? क्या salvation का भी रंग होता है? अगर आप उद्धार के वारे में जनना चाहते हैं; तो इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें।
उद्धार क्या है? उद्धार क्या है
रोमियो अध्याय 10 वचन संख्या 9:13 में लिखा है;
⁹ कि यदि तू अपने मुंह से यीशु को प्रभु जानकर अंगीकार करे और अपने मन से विश्वास करे, कि परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जिलाया, तो तू निश्चय उद्धार पाएगा।
¹⁰ क्योंकि धामिर्कता के लिये मन से विश्वास किया जाता है, और उद्धार के लिये मुंह से अंगीकार किया जाता है।
¹¹ क्योंकि पवित्र शास्त्र यह कहता है कि जो कोई उस पर विश्वास करेगा, वह लज्जित न होगा।
¹² यहूदियों और यूनानियों में कुछ भेद नहीं, इसलिये कि वह सब का प्रभु है; और अपने सब नाम लेने वालों के लिये उदार है।
¹³ क्योंकि जो कोई प्रभु का नाम लेगा, वह उद्धार पाएगा।
उद्धार क्या है; कहना सहज है। परंतु प्रभु के नाम में उद्धार है; प्रभु पर विश्वास करने से उधार मिलता है। प्रेरितों के काम के काम 16:31 में लिखा है; “उन्होंने कहा, प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास कर, तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा।”
प्रभु के वचन और शिक्षा के द्वारा भी उद्धार मिलता है; प्रेरितों के काम अध्याय 11:14 में इस प्रकार लिखा है;“वह तुम से ऐसी बातें कहेगा, जिन के द्वारा तू और तेरा सारा घराना उद्धार पाएगा।”
पाप काला रंग
यशायाह अध्याय 1 वचन संख्या में लिखा है; “यहोवा कहता है, आओ, हम आपस में वादविवाद करें: तुम्हारे पाप चाहे लाल रंग के हों, तौभी वे हिम की नाईं उजले हो जाएंगे; और चाहे अर्गवानी रंग के हों, तौभी वे ऊन के समान श्वेत हो जाएंगे।” — यशायाह 1:18
सभी लोग जानते हैं; कि पाप का रंग काला होता है। परंतु ईश्वर यहां पर कहते हैं; तुम्हारे पाप का रंग लाल भी क्यों ना हो। वह हिम की तरह उज्जवल हो जाएंगे। उज्जवल कब होंगे? जब आप पश्चाताप करेंगे; तब आप सूट पवित्र हो जाएंगे।
पश्चाताप करना जरूरी है; क्योंकि रोमियो अध्याय 3 वचन संख्या 23 में इस प्रकार लिखा है;
इसलिये कि सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं।” रोमियो 3:23
पाप से दूर रहना चाहिए।
oh my God; वचन कहता है; कि कोई भी धार्मिक व्यक्ति नहीं है; तो आपको क्या करना चाहिए; निसंदेह पश्चाताप करना चाहिए। अपने पापों के लिए; ईश्वर से क्षमा मांगना चाहिए। आप देखे होंगे; जब बच्चे कीचड़ में खेलकर घर में आते हैं; तब आपको अच्छा नहीं लगता है; और तुरंत ही आप उनको नहाने के लिए भेजते हैं; ऐसा क्यों होता है; क्योंकि आपको गंदगी अच्छी नहीं लगती है। इसी प्रकार परमेश्वर भी आपसे उम्मीद करता है; की आप भी साफ सुथरा रहें। अर्थात पाप से दूर रहें। उद्धार पाने के लिए; पाप से दूर रहना जरूरी है। पाप के चलते जो दाग धब्बे लगते हैं; साफ करने के लिए ईश्वर से निवेदन करें। जैसे बच्चे कीचड़ से खेल कर घर को आते हैं; उनका माता-पिता उनके कीचड़ को; पैंट शर्ट को बच्चे को नहला कर साफ करते हैं। उसी प्रकार परमेश्वर आपको शुद्ध और पवित्र कर सकता है।
यीशु का राहु लाल रंग
आम तौर पर देखा जाए तो रक्त लाल रंग का होता है। उद्धार पाने के लिए; प्रवेश पर विश्वास करना जरूरी है। क्योंकि प्रभु यीशु ने अपना रक्त अर्थात लाल रंग को मानव जाति के उद्धार के लिए क्रुस पर बहा दिया है।
उसे परमेश्वर ने उसके लोहू के कारण एक ऐसा प्रायश्चित्त ठहराया, जो विश्वास करने से कार्यकारी होता है; कि जो पाप पहिले किए गए,; और जिन की परमेश्वर ने अपनी सहनशीलता से आनाकानी की; उन के विषय में वह अपनी धामिर्कता प्रगट करे।” — रोमियो 3:25
प्रभु यीशु पर विश्वास करने के द्वारा उद्धार मिलता है। क्योंकि प्रोवीसो अपना लाल रंग का रक्त बहाकर मनुष्यों को बचाया है।
बपतिस्मा नीले रंग
नीले रंग अर्थात बपतिस्मा को समझा जाता है; क्योंकि उद्धार पाने के लिए बपतिस्मा लेना जरूरी है। क्योंकि मारकुस 16:16 में लिखा है;
“जो विश्वास करे और बपतिस्मा ले उसी का उद्धार होगा, परन्तु जो विश्वास न करेगा वह दोषी ठहराया जाएगा।
अगर आपका विश्वास है; तो आप बपतिस्मा लेंगे और उद्धार पाएंगे। भाई साहब! लोगों का बात नहीं मानेंगे तो चल सकता है; परंतु ईश्वर की बात ना मानने से कभी नहीं चलेगा। इसलिए परमेश्वर का वचन को सुनकर उसके अनुसार चलना चाहिए।
पवित्रता सफेद रंग
सफेद रंग को पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। अगर आपको ईश्वर शुद्ध और पवित्र करे; तो आप निश्चय सूद्ध हो जाएंगे। पर आपको प्रार्थना करना पड़ेगा; क्षमा मांगना पड़ेगा। क्योंकि बिन रोये; मां भी अपने बच्चे को दूध नहीं पिलाती।
भजन संहिता 51:7 में लिखा है; जूफा से मुझे शुद्ध कर, तो मैं पवित्र हो जाऊंगा; मुझे धो, और मैं हिम से भी अधिक श्वेत बनूंगा।” भजन संहिता 51:7
विकास हरा रंग
पर हमारे प्रभु, और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनुग्रह और पहचान में बढ़ते जाओ। उसी की महिमा अब भी हो, और युगानुयुग होती रहे। आमीन॥” 2 पतरस 3:18
हरा रंग ईश्वर की अनुग्रह को दर्शाता है; ईश्वर की करुणा से आगे बढ़ने को बताता है। ईश्वर के विश्वास और अपने पहचान मसीह में आगे बढ़ान को बताता है। हरा रंग के अधिकारी होने का मतलब; ईश्वर की आशीशों का अधिकारी हैं।
स्वर्ग पीला रंग
मनुष्यों के लिए ईश्वर कीमती धातुओं से निर्मित स्वर्ग का निर्माण किया है। जो उद्धार पाएगा; वह कीमती धातुओं से निर्मित स्वर्ग में निवास करेगा। ईश्वर के द्वारा निर्मित नगर सहर या सर्ग कहें; उसकी वारे में आगे प्रकाशित वाक्य में पढ़िए;
प्रकाशित वाक्य 21:18-21
18 और उस की शहरपनाह की जुड़ाई यशब की थी, और नगर ऐसे चोखे सोने का था, जा स्वच्छ कांच के समान हो।
¹⁹ और उस नगर की नेवें हर प्रकार के बहुमूल्य पत्थरों से संवारी हुई तीं, पहिली नेव यशब की थी, दूसरी नीलमणि की, तीसरी लालड़ी की, चौथी मरकत की।
²⁰ पांचवीं गोमेदक की, छठवीं माणिक्य की, सातवीं पीतमणि की, आठवीं पेरोज की, नवीं पुखराज की, दसवीं लहसनिए की, ग्यारहवीं धूम्रकान्त की, बारहवीं याकूत की।
²¹ और बारहों फाटक, बारह मोतियों के थे; एक एक फाटक, एक एक मोती का बना था; और नगर की सड़क स्वच्छ कांच के समान चोखे सोने की थी।
Conclusion
उद्धार पाने के लिए; छे रंग इसलिए मैं लिखा हूं; क्योंकी बाइबल वचन को समझने में आपको आसान हो सके। दोस्तों विश्वास के बिना ईश्वर से आप कुछ भी प्राप्त नहीं कर सकते हैं। मनुष्यों को दूसरी मनुष्य पर विश्वास कि जिस प्रकार आवश्यकता होती है; ईश्वर भी लोगों से वैसा ही चाहता है। मैं उम्मीद करता हूं; कि आप समझ गए होंगे; क्योंकि आप समझदार हैं।