इफिसियों 6:10-18 की वचन के अनुसार शैतान की अचूक वार से बचने के लिए, बाइबल के नए नियम में एक मार्ग है जो “परमेश्वर के कवच” का वर्णन करता है, जिसे विश्वासी आत्मिक आक्रमणों से बचाने के लिए धारण कर सकते हैं। यह निम्नानुसार पढ़ता है।
मनुष्य के लिए परमेश्वर की शर्तें
शैतान की अचूक वार से बचने का वचन
निदान, प्रभु में और उस की शक्ति के प्रभाव में बलवन्त बनो। परमेश्वर के सारे हथियार बान्ध लो; कि तुम शैतान की युक्तियों के साम्हने खड़े रह सको। क्योंकि हमारा यह मल्लयुद्ध, लोहू और मांस से नहीं, परन्तु प्रधानों से और अधिकारियों से, और इस संसार के अन्धकार के हाकिमों से, और उस दुष्टता की आत्मिक सेनाओं से है जो आकाश में हैं। इसलिये परमेश्वर के सारे हथियार बान्ध लो, कि तुम बुरे दिन में साम्हना कर सको, और सब कुछ पूरा करके स्थिर रह सको।
सो सत्य से अपनी कमर कसकर, और धार्मीकता की झिलम पहिन कर। और पांवों में मेल के सुसमाचार की तैयारी के जूते पहिन कर। और उन सब के साथ विश्वास की ढाल लेकर स्थिर रहो जिस से तुम उस दुष्ट के सब जलते हुए तीरों को बुझा सको। और उद्धार का टोप, और आत्मा की तलवार जो परमेश्वर का वचन है, ले लो। और हर समय और हर प्रकार से आत्मा में प्रार्थना, और बिनती करते रहो, और इसी लिये जागते रहो, कि सब पवित्र लोगों के लिये लगातार बिनती किया करो।
इफिसियों 6:10-18 का अर्थ
यह सन्दर्भ विश्वासियों को “परमेश्वर के हथियार” धारण करने के लिए प्रोत्साहित करता है ताकि वे आत्मिक आक्रमणों के विरुद्ध दृढ़ता से खड़े रह सकें और शैतान की प्रलोभन और पाप का विरोध करने में सक्षम हो सकें। कवच का वर्णन इस प्रकार है:
सत्य का पट्टा: विश्वासियों के लिए सत्य आवश्यक है, क्योंकि यह उन्हें परमेश्वर की इच्छा को जानने और उसका पालन करने में मदद करता है।
धार्मिकता का कवच: धार्मिकता परमेश्वर के साथ सही संबंध में होने की स्थिति है, और कवच उस सुरक्षा का प्रतिनिधित्व करता है जो एक धर्मी जीवन जीने से आती है।
मेल मिलाप से सजे पांव: यह उस मेल को संदर्भित करता है जो शांति के सुसमाचार से आता है, जो कि यीशु मसीह के माध्यम से उद्धार का संदेश है।
विश्वास की ढाल: विश्वासियों के लिए विश्वास आवश्यक है, क्योंकि यह उन्हें परमेश्वर पर भरोसा करने और प्रलोभन और आध्यात्मिक हमलों को नाकाम करने में सक्षम बनाता है।
उद्धार का टोप: टोप उस सुरक्षा का प्रतिनिधित्व करता है जो यीशु मसीह द्वारा बचाए जाने और अनंत जीवन पाने से आती है।
आत्मा की तलवार तलवार परमेश्वर के वचन का प्रतिनिधित्व करती है, जो कि बाइबल है। यह एक शक्तिशाली हथियार है जिसका उपयोग विश्वासी आत्मिक आक्रमणों से अपनी रक्षा के लिए कर सकते हैं।
आत्मा में प्रार्थना करें: विश्वासियों के लिए ईश्वर से जुड़ने और शैतान की अचूक वार से अपनी सुरक्षा और मार्गदर्शन पाने के लिए प्रार्थना एक महत्वपूर्ण तरीका है। इसलिए परमेश्वर की सारे हथियार को बांधे और शैतान की अचूक वार से खुद को बचाए रखें। क्योंकि यह सन्दर्भ विश्वासियों को परमेश्वर के कवच धारण करने और आत्मिक आक्रमणों के विरुद्ध दृढ़ता से खड़े होने में प्रार्थना के महत्व पर भी जोर देता है। यह कहता है, “और हर समय और हर प्रकार से आत्मा में प्रार्थना और बिनती करते रहो। इस बात को मन में रखते हुए, जागते रहें, और सर्वदा परमेश्वर के सब लोगों के लिये प्रार्थना करते रहना चाहिए।
इफिसियों 6:10-18 में उल्लिखित हथियारों के विशिष्ट टुकड़ों के अलावा, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह सन्दर्भ विश्वासियों के लिए प्रभु में मजबूत होने और उनकी महान शक्ति पर भरोसा करने की आवश्यकता पर बल देता है। यह मार्ग के शुरुआती पद में देखा जाता है, जो कहता है, ” प्रभु में और उसकी महान शक्ति में बलवान बनो।
प्रभु में बलवान होने का अर्थ है उस पर भरोसा करना और अपनी सामर्थ्य के बजाय उसकी सामर्थ्य और शक्ति पर भरोसा करना चाहिए। इसका अर्थ यह है, कि कठिनाई और प्रलोभन के समय मार्गदर्शन, सुरक्षा और सहायता के लिए उसकी ओर मुड़ना चाहिए।
प्रार्थना विश्वासियों के लिए परमेश्वर से वार्तालाप करने और उनकी सहायता और सुरक्षा पाने का एक तरीका है। यह एक शक्तिशाली उपकरण है जो हमें प्रलोभन का विरोध करने और आध्यात्मिक हमलों के खिलाफ दृढ़ रहने में मदद कर सकता है।
प्रभु यीशु का वचन शैतान के अचूक वार बचाता है
और एक महत्वपूर्ण बात यह है कि, यदि कोई परमेश्वर की वचन को सुन कर उसके पीछे चलता है, तो वह निश्चित रूप से शैतान की अचूक वार से बच सकता है। क्योंकि यूहन्ना 10:27-30 की वचन में इस प्रकार लिखा है, कि मेरी भेड़ें मेरा शब्द सुनती हैं, और मैं उन्हें जानता हूं, और वे मेरे पीछे पीछे चलती हैं।
और मैं उन्हें अनन्त जीवन देता हूं, और वे कभी नाश न होंगी, और कोई उन्हें मेरे हाथ से छीन न लेगा। मेरा पिता, जिस ने उन्हें मुझ को दिया है, सब से बड़ा है, और कोई उन्हें पिता के हाथ से छीन नहीं सकता। मैं और पिता एक हैं। फिर यूहन्ना 10:15 को भी एक बार पढ़ लिजिए, जिसमें प्रभु यीशु इस बात को जोर दे कर कहते हैं, कि “इसी तरह मैं अपनी भेड़ों को जानता हूं, और मेरी भेड़ें मुझे जानती हैं, और मैं भेड़ों के लिये अपना प्राण देता हूं।”
समझने वाली बात यह है, कि यदि आपके पास परमेश्वर का वचन है, तो आप परमेश्वर को जानते हैं। यदि आप परमेश्वर को जानते हैं, तो आप लोग पाप नहीं करेंगे। यदि आप पाप नहीं करेंगे, तो शैतान की अचूक वार से वह भी आपकी रखवाली करेगा। जरा सोचिए कि, आप और हम अभी भी पापी हैं और पाप में जी रहे हैं, और इसे जानते हुए, भी प्रभु यीशु ने हमारे लिए अपना प्राण दे दिया था।
यदि आप और हम पाप को छोड़कर पवित्र बन जाते हैं, अर्थात प्रभु यीशु और उसके वचन को सच्चे मन से ग्रहण करते हैं, तो सिर्फ शैतान की अचूक वार से ही नहीं, बल्कि हर प्रकार की बुराई, संकट और दुखदाई परिस्थितियों से भी वह आपको बाहर निकालने में सक्षम है। इसलिए संसारिक चीजें और पाप पर नहीं; बल्कि परमेश्वर पर विश्वास और भरोसा करना चाहिए।
क्योंकि आज के इस वचन को देखा जाए तो, इफिसियों 6:10-18 विश्वासियों को परमेश्वर के हथियारों को धारण करने और उनकी शक्ति और सामर्थ्य के साथ-साथ प्रार्थना की शक्ति पर भरोसा करने के लिए प्रोत्साहित करता है, ताकि आत्मिक आक्रमणों के विरुद्ध दृढ़ता से खड़ा हो सके और परीक्षा में सफल हो सकें। यह एक अनुस्मारक है कि हम बुराई के खिलाफ संघर्ष में अकेले नहीं हैं और यह कि ईश्वर हमारे साथ है और हमें आने वाली किसी भी चुनौती से उबरने में मदद करेगा।
निष्कर्ष