प्रार्थना कैसे करें? How to pray? Bible Vachan

प्रार्थना कैसे करें? How to pray? सभी को पता है, प्रार्थना क्यों किया जाता है? ईश्वर से रिलेशनशिप रखने के लिए, लोग प्रार्थना करते हैं। ईश्वर से कुछ पाने के लिए निवेदन करते हैं। ईश्वर को अपना दुख बयां करने के लिए निवेदन करते हैं। अपने पापों के लिए क्षमा मांगने के लिए प्रार्थना करते हैं। परंतु प्रार्थना कैसे करना चाहिए? जैसे की लोग दूरियां को कम करने के लिए अपने रिश्तेदारों से मोबाइल से बातें करते हैं। उसी प्रकार परमेश्वर से बात करने के लिए आज मैं आपको 3 स्टेप बताऊंगा। जो कि बिल्कुल सहज है। वह भी बाइबल वचन पर आधारित है।

1:- धन्यवाद दे कर प्रार्थना करें।

पहला ईश्वर को धन्यवाद देकर प्रार्थना शुरू कीजिए। क्योंकि भजन संहिता अध्याय 100 वचन संख्या 4 पर लिखा है।

उसके फाटकों से धन्यवाद, और उसके आंगनों में स्तुति करते हुए प्रवेश करो, उसका धन्यवाद करो, और उसके नाम को धन्य कहो!”

धन्यवाद के साथ ईश्वर के आंगन में जाएं; अर्थात परमेश्वर को प्रार्थना करें। परमेश्वर चाहता है; की आप उसका धन्यवाद करते हुए; दरवाजा खटखटाएं; और उसको दुआ करें।

2:- प्रार्थना के द्वारा परमेश्वर को बताइए की आप कैसा महसूस करते हैं।

आपका अनुभव परमेश्वर को बताइए। आप का दुख परमेश्वर को सुनाऐं। परमेश्वर को आपका हर समस्या बताएं। क्योंकि

फिलिप्पियों अध्याय 4 वचन संख्या 6 और 7 में इस प्रकार लिखा है।

⁶ किसी भी बात की चिन्ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख उपस्थित किए जाएं।⁷ तब परमेश्वर की शान्ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षत रखेगी।

आपकी हर प्रकार की चिंता, समस्या, निवेदन को प्रार्थना के द्वारा; धन्यवाद के साथ ईश्वर के सम्मुख में उपस्थित करना चाहिए।

3:- मार्गदर्शन के लिए ईश्वर से प्रार्थना करें।

“परन्तु जब वह अर्थात सत्य का आत्मा आएगा; तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा; क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा; परन्तु जो कुछ सुनेगा; वही कहेगा; और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा।” — यूहन्ना 16:13

“हे यहोवा अपने मार्ग मुझ को दिखला; अपना पथ मुझे बता दे।” — भजन संहिता 25:4

प्रार्थना कैसे करें

मुझे अपने सत्य पर चला और शिक्षा दे, क्योंकि तू मेरा उद्धार करने वाला परमेश्वर है; मैं दिन भर तेरी ही बाट जोहता रहता हूं।” — भजन संहिता 25:5

ईश्वर सत्य है; ईश्वर वर्तमान और भविष्य सब कुछ जानता है। परंतु एक मनुष्य 1 सेकंड के बाद उसके जीवन में क्या होगा उसे भी नहीं जानता है। इसलिए आप अपने मार्गदर्शन के लिए ईश्वर को निवेदन करें। ईश्वर को प्रार्थना करें। ईश्वर के करीब रहने के लिए प्रयास करते रहें। तन, मन, बाइबल वचन से, कर्म से; और प्रार्थना से ईश्वर के करीब रहने के लिए सर्वदा प्रयास करते रहें।

Conclusion

ईश्वर के चुने हुए लोग; मसीह आप लोगों को आशीर्वाद प्रदान करें। एक बात दिल की गहराई से विचार करके देखिए। आप ईश्वर के करीब हैं या दुर हैं। क्योंकि आजकल लोग ईश्वर के लिए समय नहीं देना चाहते हैं। परन्तु व्यर्थ के कामों में समय नष्ट करते हैं। आपके पास धन बहुत है; आप उससे दुनिया को भी खरीद सकते हैं। परन्तु सोचकर देखिए; ईश्वर आपके पास ना हो तो उन चीजों से क्या लाभ। इसलिए ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए; बाइबल वचन पढ़ें और प्रार्थना करते रहें।

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