प्रकाशितवाक्य की 7 मुहरें
प्रकाशितवाक्य की 7 मुहरें बताती है; की सृष्टि के अंत के समय में परमेश्वर के द्वारा निर्धारित मनुष्य का विचार किस प्रकार किया जाएगा; उसकी जानकारी प्रभु यीशु के शिष्य युहन्ना को दर्शन के द्वारा दी गई है। जिसको पढ़ कर लोग अपना चाल चलन को सुधार कर; ईश्वर की इच्छा के मुताबिक जीवन जीएं; जिससे लोग प्रकाशितवाक्य में लिखा गया; दंड और विचार से बच सके।
तो आइए जानते हैं; प्रकाशितवाक्य में लिखी गई उन 7 मुहरें और उसका अर्थ क्या है?
प्रकाशितवाक्य की 7 मुहरें में से पहला मुहर 6:1-2
¹ फिर मैं ने देखा, कि मेम्ने ने उन सात मुहरों में से एक को खोला; और उन चारों प्राणियों में से एक का गर्जन का सा शब्द सुना, कि आ।
² और मैं ने दृष्टि की, और देखो, एक श्वेत घोड़ा है, और उसका सवार धनुष लिए हुए है: और उसे एक मुकुट दिया गया, और वह जय करता हुआ निकला कि और भी जय प्राप्त करे॥
पहला मुहर बताता है; कि जब उसे मेमने के द्वारा खोला गया; तो एक श्वेत घोड़ा पर सवार धनुष लिए हुए आता है; उसको इसलिए भेजा जाता है; की वह जय प्राप्त करे; किसकी जय प्राप्त करने के लिए भेजा जाता है? जाहिर सी बात है; की बुराई के ऊपर अच्छाई की जीत के लिए भेजा जाता है।
प्रकाशितवाक्य 6:3-4 की दूसरा मुहर
³ और जब उस ने दूसरी मुहर खोली, तो मैं ने दूसरे प्राणी को यह कहते सुना, कि आ।
⁴ फिर एक और घोड़ा निकला, जो लाल रंग का था; उसके सवार को यह अधिकार दिया गया, कि पृथ्वी पर से मेल उठा ले, ताकि लोग एक दूसरे को वध करें; और उसे एक बड़ी तलवार दी गई।
जब मेमने के द्वारा दूसरे मोहर खोला जाता है; तब लाल रंग का घोड़ा में एक सवार आता है; उसको संसार के लोगों का मेल मिलाप को दूर करने के लिए भेजा जाता है; लोगों के बीच में भाईचारा खत्म करने के लिए भेजा जाता है। ताकि लोग एक दूसरे से लड़ाई झगड़ा करके; एक दूसरे का हत्या करे। आप लोग गौर किए होंगे; की दिन प्रतिदिन लोगों के बीच से मेल मिलाप खत्म होते जा रहा है; और लड़ाई झगड़ा बढ़ रहा है। देखिए संसार के अंत के समय में किस प्रकार दुष्ट लोगों को दंड दिया जाएगा; यह ईश्वर की ओर से एक सतर्क का वाणी है।
तीसरा मुहर प्रकाशितवाक्य 6:5-6
⁵ और जब उस ने तीसरी मुहर खोली, तो मैं ने तीसरे प्राणी को यह कहते सुना, कि आ: और मैं ने दृष्टि की, और देखो, एक काला घोड़ा है;
⁶ और मैं ने उन चारों प्राणियों के बीच में से एक शब्द यह कहते सुना, कि दीनार का सेर भर गेहूं, और दीनार का तीन सेर जव, और तेल, और दाख-रस की हानि न करना।
तीसरे मुहर के खुलने से जो नतीजा सामने आ रहा है; उससे आप समझ सकते हैं; की खाने पीने को छोड़कर बाकी सभी चीजों को नुकसान करने का अनुमति उस काला घोड़े में सवार करने वाले को दी जा रही है। क्योंकि इस समय संसार में इतना पाप बढ़ रहा है; जिससे ईश्वर की क्रोध से कोई नहीं बच सकता। इसलिए दो दिन का जिंदगानी में अपने आप को पाप से बचाने में ही भलाई है।
चौथा मुहर प्रकाशितवाक्य 6:7-8
⁷ और जब उस ने चौथी मुहर खोली, तो मैं ने चौथे प्राणी का शब्द यह कहते सुना, कि आ।
⁸ और मैं ने दृष्टि की, और देखो, एक पीला सा घोड़ा है; और उसके सवार का नाम मृत्यु है: और अधोलोक उसके पीछे पीछे है और उन्हें पृथ्वी की एक चौथाई पर यह अधिकार दिया गया, कि तलवार, और अकाल, और मरी, और पृथ्वी के वनपशुओं के द्वारा लोगों को मार डालें।
प्रकाशितवाक्य की 7 मुहरें में से चौथा मुहर बताता है; की पीला घोड़ा और उसका सवार का नाम मृत्यु है। वह घोड़ा में सवार होकर जिधर भी जाता है; उसका पीछे पीछे पाताल भी जा रहा है; और उसको पृथ्वी का एक चौथाई लोगों के ऊपर यह अधिकार दिया जाता है; की वह लोगों को मार डाले। किस प्रकार मार डालने को अधिकार दिया जा रहा है? तलवार से, अकाल, महामारी, जंगली जानवर से मार डालने की अधिकार दिया जा रहा है। आप सभी लोग जानते हैं; की coronavirus भी किस प्रकार दुनिया के सामने संकट बनकर खड़ा हो चुका है; क्या यह लोगों के पाप का नतीजा और ईश्वर की क्रोध का कारण नहीं है! मनुष्य अपने आप को बुद्धिमान तो समझता है; परंतु ईश्वर के खिलाफ काम करना; भारी नुकसान को दावत देने के बराबर है। इसलिए सोच समझकर काम करना और पाप से दूर रहना चाहिए।
पांचवा मुहर प्रकाशितवाक्य 6:9-11
⁹ और जब उस ने पांचवी मुहर खोली, तो मैं ने वेदी के नीचे उन के प्राणों को देखा, जो परमेश्वर के वचन के कारण, और उस गवाही के कारण जो उन्होंने दी थी, वध किए गए थे।
¹⁰ और उन्होंने बड़े शब्द से पुकार कर कहा; हे स्वामी, हे पवित्र, और सत्य; तू कब तक न्याय न करेगा? और पृथ्वी के रहने वालों से हमारे लोहू का पलटा कब तक न लेगा?
¹¹ और उन में से हर एक को श्वेत वस्त्र दिया गया, और उन से कहा गया, कि और थोड़ी देर तक विश्राम करो, जब तक कि तुम्हारे संगी दास, और भाई, जो तुम्हारी नाईं वध होने वाले हैं, उन की भी गिनती पूरी न हो ले।
पांचवी मुहर बताता है; जितने भी ईश्वर के भक्तजन, पवित्र लोगों को, पास्टरों को दुष्ट लोगों ने वध किया है; उनकी पुकार ईश्वर के सामने पहुंच रहा है। पृथ्वी में रहने वाले विश्वासी लोगों के चलते; ईश्वर उनका लोहु का पलटा लेने में देर कर रहे हैैं। इसलिए समय रहते हुए; अपने को जांच परख कर सुधार लेना चाहिए।
छठवां मुहर प्रकाशितवक्य 6:12-17
¹² और जब उस ने छठवीं मुहर खोली, तो मैं ने देखा, कि एक बड़ा भुइंडोल हुआ; और सूर्य कम्बल की नाईं काला, और पूरा चन्द्रमा लोहू का सा हो गया।
¹³ और आकाश के तारे पृथ्वी पर ऐसे गिर पड़े जैसे बड़ी आन्धी से हिल कर अंजीर के पेड़ में से कच्चे फल झड़ते हैं।
¹⁴ और आकाश ऐसा सरक गया, जैसा पत्र लपेटने से सरक जाता है; और हर एक पहाड़, और टापू, अपने अपने स्थान से टल गया।
¹⁵ और पृथ्वी के राजा, और प्रधान, और सरदार, और धनवान और सामर्थी लोग, और हर एक दास, और हर एक स्वतंत्र, पहाड़ों की खोहों में, और चट्टानों में जा छिपे।
¹⁶ और पहाड़ों, और चट्टानों से कहने लगे, कि हम पर गिर पड़ो; और हमें उसके मुंह से जो सिंहासन पर बैठा है और मेम्ने के प्रकोप से छिपा लो।
¹⁷ क्योंकि उन के प्रकोप का भयानक दिन आ पहुंचा है, अब कौन ठहर सकता है?
शिक्षा
दोस्तों; प्रकाशितवाक्य की इस कड़ी में छठवां मुहर बताता है; की वह परमेश्वर के प्रकोप का भयानक दिन होगा। छठवां मुहर खुलेगी; तब बड़ा भुइंडोल के साथ; सूर्य काला और चंद्रमा लोहु की तरह हो जाएगा; और तारे अंजीर वृक्ष से जिस प्रकार आंधी के समय में फल झड़ता है; उसी प्रकार दोस्तों; पृथ्वी पर तारे गिर जाएंगे। वचन कहता है; की पृथ्वी के छोटे बड़े, नेता मंत्री, भिखारी से लेकर अमीर तक सभी लोग जाकर पहाड़ी गुफाओं में छिप जाएंगे। क्योंकि वह ईश्वर का भयानक दिन होगा। उस महा भयानक दिन से पृथ्वी के रहने वाले कोई बच नहीं पाएंगे। ईश्वर आपसे बहुत प्यार करता है; इसलिए वह दंड देने से पहले आपको बताना चाहता है।
सातवां मुहर
“और जब उस ने सातवीं मुहर खोली, तो स्वर्ग में आधे घंटे तक सन्नाटा छा गया।” — प्रकाशित वाक्य 8:1
मुहरें खोलने से जो दंड संसार को मिलने वाला था; व संपन्न होता है। स्वर्ग में आधे घंटे तक सन्नाटा छा जाता है। क्योंकि इसके बाद भी पृथ्वी पर बहुत दंड बाकी था।
Conclusion
दोस्तों; इन छोटी-छोटी आयतें पढ़कर अपनी समझ को बढ़ाने में भलाई है। क्योंकि मनुष्य के क्रोध से तो आप बच भी सकते हैं; परंतु जरा सोचिए; ईश्वर के क्रोध से खुद को कैसे बचा पाएंगे। ईश्वर पहले से ही संसार को दंड देने का योजना के बारे में बता चुका है; तो आप नासमझ क्यों बनेंगे? क्योंकि जो सच है; वह कभी टलता नहीं। वह होकर रहता है। इसलिए अपना चाल चलन और कुकर्म से मन परिवर्तन कीजिए; और अपने जीवन में खुशियों को अनुभव कीजिए। ईश्वर को महिमा युगानुयुग मिलता रहे। आमीन।।
God bless you for reading to continue…
The word is very well explained
Very nice
May almighty God bless you with wisdom and blessings
आपके लेख एवं मेहनत जो आपने बाइबल की वचन के रूप में प्रकाशित किया है हमने पढ़कर बहुत आशीष पाई है प्रभु आप सबको आशीष दे आपकी सेवा को बरकत करें
आपके लेख एवं मेहनत जो आपने बाइबल की वचन के रूप में प्रकाशित किया है हमने पढ़कर बहुत आशीष पाई है प्रभु आप सबको आशीष दे आपकी सेवा को बरकत करें
God bless you
I m Rev. Harry Dass,
I m so happy to know about meaning of 7 horses,
Thanks God bless you