ईस्टर डे | यीशु जी उठा है

ईस्टर डे क्या है, और ईस्टर डे क्यों मनाया जाता है, इसके बारे में हम बात नहीं करेंगे । क्योंकि बहुत से लोग इसकी जानकारी पहले से ही दे चुके हैं। तो हम इस बात को बार बार क्यों दोहराते रहेंगे। यदि बाइबल कहती है, कि यीशु जी उठा है, तो हमें अपने अंदर यह झांकना चाहिए, की क्या हमारे हृदय में प्रभु की शिक्षा वास करती है? क्या हम प्रभु की शिक्षाओं पर आधारित जीवन जीते हैं? क्योंकि यहां पर बात विश्वास की भी आती है।

और विश्वास यह है, कि प्रभु की शिक्षाओं को ग्रहण करना। क्योंकि प्रभु यीशु सिर्फ शिक्षा नहीं देते थे, बल्कि रोगियों को चंगाई देने के साथ-साथ बहुत सारे चिन्ह और चमत्कार भी किए थे। जो कि बीमारी और चंगाई मनुष्य का एक हिस्सा है। इसलिए प्रभु यीशु सिर्फ अपने शिक्षा और बातों पर ही नहीं! बल्कि कर्म के साथ भी अपने अस्तित्व और सत्य का प्रमाण दिए थे।

जीवित रहने का उपाय | यहेजकेल 33:12

Bible study in hindi | हिंदी बाइबल प्रचार

आज का बाइबल पाठ | मरकुस 1:15 | यीशु की वचन का 5 खास बात | Best bible teaching

पाप किसे कहते हैं: आज का बाइबल पाठ: Paap kya hai

परमेश्वर पुत्र यीशु (Jesus) की प्रचार का विरोध क्यों होता है? bible Vachan in hindi 2021

ईस्टर डे यीशु की जीवित होने का शिक्षा

यदि कोई झूठी भविष्यवाणी करता है, या झूठी बातों की प्रचार करता है, तो उसकी प्रचार जोर शोर से की जाती है। पर स्वयं प्रभु यीशु ने अपनी मृत्यु की भविष्यवाणी किया था। कि उसे दुख उठाना मरना और तिसरे दिन जी उठना होगा। इसके बारे में प्रभु यीशु का तीन भविष्यवाणी है। पर मैं फिलहाल एक भविष्यवाणी को ही बताऊंगा। जो मत्ती 16:21 की वचन बताता है, कि उस समय से यीशु अपने चेलों को बताने लगा, कि मुझे अवश्य है, कि यरूशलेम को जाऊं, और पुरनियों और महायाजकों और शास्त्रियों के हाथ से बहुत दुख उठाऊं; और मार डाला जाऊं; और तीसरे दिन जी उठूं।

देखिए प्रभु के चेले इस भविष्यवाणी की शिक्षा का अर्थ को नहीं समझ पाए थे। इसलिए उन्होंने प्रभु यीशु की मृत्यु से अत्यधिक दुखी हुए थे। पर मरकुस 16:1-14 की वचन के अनुसार मरियम मगदलीनी, याकूब की माता मरियम और शालोमी कब्र के पास यह सोचकर जाते हैं कि सुगंधित द्रव्य यीशु के शव के उपर उड़ेला जाएं। वे आपस यह बात करते हैं, कि कब्र के द्वार में रखे गए बड़े पत्थर को कौन हटाएगा? पर वे जाकर देखते हैं, कि कब्र के सम्मुख से पत्थर लुढ़काया गया है, और अंदर में श्वेत वस्त्र पहिने एक जवान व्यक्ति अर्थात स्वर्ग दूत को देखते हैं।

फिर उस ने उन से कहा, चकित मत हो, तुम यीशु नासरी को, जो क्रूस पर चढ़ाया गया था, ढूंढ़ती हो: वह जी उठा है; यहां नहीं है; देखो, यही वह स्थान है, जहां उन्होंने उसे रखा था। आज भी लोग प्रभु को चर्च में ढूंढते हैं। पर प्रभु को पाने के लिए, मरियम मगदलीनी की तरह मन को शुद्ध रखना चाहिए। जिसे प्रभु यीशु सबसे पहले दर्शन दिए थे। फिर उसने जाकर उसके साथियों को जो शोक में डूबे हुए थे और रो रहे थे, प्रभु का जी उठने का समाचार दिया था।

पर उन्होंने यह सुनकर की वह जीवित है, और उस ने उसे देखा है विश्वास नहीं की। आज भी लोग ईस्टर डे मनाते हैं, चर्च को जाते हैं। पर सांसारिक विषय वस्तु के लालसा भी करते रहते हैं। अर्थात पाप और शारीरिक वासनाओं में वशीभूत होकर जीवन जीते हैं। लोग ईस्टर डे मनाते हैं, कि यीशु जी उठा है, यीशु जीवित है, पर लोगों का पाप रूपी स्वभाव, प्रभु यीशु को जीवित रहते हुए भी मुर्दा बना देता है। अर्थात लोग प्रभु यीशु को अपने हृदय में स्थान न देकर पाप और सांसारिक चीजों को स्थान देते हैं।

और यह बात सौ प्रतिशत सत्य है कि जहां पर पाप होता है, वहां प्रभु नहीं रहते हैं। पर दोस्तों मुझे माफ करना क्योंकि मैं जरा हार्ड बोल देता हूं। पर मेरा मतलब आप को तकलीफ पहुंचाना नहीं है, बल्कि आपको प्रभु के विश्वास में मजबूती देना चाहता हूं।

दोस्तों उस समय प्रभु यीशु की जीवित होने का प्रमाण मरियम मकदलीनी और दो शिष्यों ने भी पतरस और बाकी के चेलों को दी थी। पर उन्होंने इसे तब तक विश्वास न किया जब तक उन्हें स्वयं प्रभु से दर्शन न मिला। प्रभु का दर्शन मिलने के बाद चेलों ने इस बात से आश्वस्त हो चुके थे कि प्रभु यीशु सचमुच जी उठे हैं। और प्रभु का जीवित होने या जी उठने का प्रमाण का साक्ष उनसे बेहतर और कोई नहीं दे सकते थे। जिसे आज हमें बाइबल के जरिए से जानकारी प्राप्त होती है।

और एक बात उस समय को देखा जाए तो एक व्यक्ति अपने बात के जरिए से दूसरे व्यक्ति को इसका समाचार बता सकता था। पर आज इंटरनेट के जरिए से लोगों तक प्रभु की जीवित होने का ही नहीं! बल्कि सत्य का सुसमाचार भी मोबाइल के माध्यम से बहुत तेजी से पहुंचती है। फिर भी लोग प्रभु की शिक्षा को ग्रहण नहीं करते हैं, बल्कि अविश्वासी बन कर पाप को अपने हृदय में स्थान देते हैं। क्योंकि लोग धार्मिकता का चादर ओढ़ कर खुलेआम पाप करते रहते हैं।

ईस्टर डे
ईस्टर डे

ईस्टर डे में मनुष्य का बदलाव

यदि यह विश्वास करते हैं कि यीशु सचमुच जी उठा है, तो अंधकार के कामों को छोड़कर प्रकाश के कामों को करें।‌ अन्यथा ईस्टर डे या यीशु का जी उठना उस व्यक्ति के लिए घोर अंधकार बन सकता है, जो लोग यह जानते हुए भी पाप करते हैं। गलातियों 6:8 की वचन कहता है,“क्योंकि जो अपने शरीर के लिये बोता है, वह शरीर के द्वारा विनाश की कटनी काटेगा; और जो आत्मा के लिये बोता है, वह आत्मा के द्वारा अनन्त जीवन की कटनी काटेगा।”

फिर अय्यूब 4:8 की वचन भी कहता है कि,“मेरे देखने में तो जो पाप को जोतते और दु:ख बोते हैं, वही उसको काटते हैं।” दोस्तों मैं आशा करता हूं कि, यह ईस्टर डे आपके लिए, बदलाव का दिन होना चाहिए। क्योंकि यह तो सब जानते हैं कि जो आम का पेड़ लगाता है, वह उसमें से आम का फल ही तोड़ता है। न की कटहल। वैसे ही पाप करने या पाप को बोने वाले लोगों दुख ही मिलती है। यह कहां की समझदारी है की दुश्मनी भी अपने बड़े और सबसे शक्तिशाली परमेश्वर से कर रहे हैं।

जरा सोचिए, जिस प्रभु यीशु ने आपके लिए दुख उठा सकता है, मर सकता है और तीसरे दिन में मर कर जी भी उठ सकता है। उस महान प्रभु यीशु की शिक्षाओं को न मानकर आप पाप करके उस से शत्रुता करते हैं। देखिए मनुष्य से तो कोई भी शत्रुता कर सकता है, टेढ़ी आंखें भी दिखा सकता है। पर परमेश्वर को नहीं। देखिए यह समझना जरूरी है, कि परमेश्वर का प्रेम हम लोगों को उसकी ओर से मिला है। यह मनुष्य के किसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए उसने अपना प्राण नहीं दिया था।

ईस्टर डे का संदेश यह है की आप खुशियां मनाएं या कुछ भी करें, पर परमेश्वर की इच्छा के अनुसार चल कर और परमेश्वर की आज्ञाओं को मानकर खुशियां मनाएं। क्योंकि संसारिक विषय वस्तु और पाप के साथ खुशियां मनाना परमेश्वर को नहीं भाता है।

प्रभु यीशु ने तो आपके लिए दुख उठा कर, मर कर और तीसरे दिन में जी भी उठ कर आप को बचाने का काम पूरा कर चुका है। अब आपकी बारी है। आप हर साल सिर्फ ईस्टर डे को मनाते रहेंगे या पाप से तौबा करके, जीवित प्रभु यीशु को अपने ह्रदय में रखकर उसकी नियम और आज्ञाओं को मानते हुए, स्वर्ग राज्य कि मंजिल की ओर आगे बढ़ेंगे। आप समझदार व्यक्ति हैं, सही निर्णय लेना आपका काम है।

निष्कर्ष

दोस्तों मैं उम्मीद करता हूं की यह वचन आपको आज संपूर्ण रुप से नईं बनाने में मदद कर सकेगा। क्योंकि प्रभु यीशु यह नहीं चाहते हैं की पाप, स्राप और शैतान का अंधेरा आपके जीवन में छाया रहे। क्योंकि उसने आप को बचाने के लिए, आप को सुरक्षित रखने के लिए और आपको नई जीवन देने के लिए क्रूस में दुःख उठाया, मरा, तीसरे दिन में जी उठ चुका है।

इसलिए यह जान लें कि वह आपके लिए दोबारा नहीं मरने वाला है। बल्कि आपके जीवन की धर्म और अधर्म का न्याय करेगा। इसलिए दोस्तों अपने मन में यह बात गांठ बांध कर रख लें, कि उसने आपको अपना भाई, मित्र और परिवार का सदस्य की तरह समझाया कि पाप न करना।

फिर इससे भी बढ़कर आपको पाप की मृत्यु से बचाने के लिए, खुद मृत्यु को स्वीकार कर लिया। फिर जी उठ कर भी दिखा दिया कि आप उस पर संपूर्ण भरोसा कर सकते हैं। क्योंकि जो पाप को छोड़कर उस पर विश्वास करता है, वह उसे नरक की मृत्यु से बचाने में सक्षम है। हालेलुया यीशु जीवित था, जीवित है और सदैव जीवित रहेगा। आमीन।।

Leave a Comment

Connect with me here
Connect with me here!
Connect with me here!