मन फिराओ बाइबल वचन “उस समय से यीशु प्रचार करना और यह कहना आरम्भ किया, कि मन फिराओ क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आया है।” मत्ती 4:17
यीशु का प्रचार। मन फिराओ बाइबल वचन
बाइबल में लिखा वचन के अनुसार; जब प्रभु यीशु सुसमाचार सुनाने के लिए प्रारंभ किए; तो उन्होंने सबसे पहले कहा; मन फिराओ स्वर्ग का राज्य निकट है। मन फिराओ क्या है? और क्यों लोगों को मन फिराने की जरूरत है?
इसका उत्तर पाने के लिए; हमें पहले जानना होगा; कि मनुष्य का मन कहां लगा रहता है? मनुष्य का मन तो अति चंचल है; और वह क्षण भर में कहीं भी आ जा सकता है। लोगों का मन सदा से ही ईश्वरीय ज्ञान को छोड़कर सांसारिक चीजों में लगा रहता है। ईश्वर से विमुख होकर लोग पाप गुनाहों में डूब कर दुनियादारी की वासनाओं में लिप्त रहते हैं; और स्वर्ग के राज्यों से दूर चले जाते हैं। इसलिए सांसारिक वासनाओं से मन फिराओ करके ईश्वर की ओर अभिमुख होना चाहिए; अर्थात हर समय सांसारिक विषय पर आकृष्ट होने वाले मन को बदल कर ईश्वर की ओर ले आना है।
वचन के माध्यम से खुद को परखना
इस वचन के माध्यम से एक मनुष्य खुद का पता लगा सकता है; कि उसका मन कहां पर लगा रहता है; और मन से वह कहां कहां भ्रमण करता फिरता है? और क्या-क्या चीज ढूंढता है? क्या वह दुनियादारी के कुकर्म में लिप्त है? या सच्चाई के मार्ग पर चल रहा है?
अगर वह व्यक्ति सच्चाई और अच्छाई की राह पर नहीं चल रहा है; तो उसे मन फिराओ करने की जरूरत है। मन फिराओ करने का मतलब अपनी गंदी आदत; बुरे सोच-विचार; गलत काम और खराब चाल-चलन को बदलने को कहा जाता हैं। अर्थात मनुष्य को संपूर्ण रूप से अपना पुराना स्वभाव को छोड़कर प्रभु की इच्छा के अनुसार बदलना है। क्योंकि ईश्वर जानता है; की मनुष्य का संसारिक मोह-माया एक दिन उसे स्वर्ग राज्य में प्रवेश करने नहीं देगा। इसलिए मन फिराओ करना जरूरी है।
मन फिराओ बाइबल वचन
अगर एक व्यक्ति मन फिराओ न करे; तो वह स्वर्ग राज्य से वंचित रह सकता है; क्योंकि मत्ती 3:2 में यूहन्ना बपतिस्मा के द्वारा भी प्रचार किया गया है; “मन फिराओ; क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है।”
और मरकुस 6:12 में भी लिखा है; कि जब यीशु प्रचार के लिए बारह चेलों को अशुद्ध आत्माओं पर अधिकार दे कर भेजा; “और उन्होंने जाकर प्रचार किया, कि मन फिराओ।”
प्रेरितों के काम 2:38 के वचन में भी मन फिराओ का सुसमाचार पतरस के द्वारा प्रचार किया गया। उसमें लिखा है; “पतरस ने उन से कहा, मन फिराओ, और तुम में से हर एक अपने अपने पापों की क्षमा के लिये यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा ले; तो तुम पवित्र आत्मा का दान पाओगे।”
प्रेरितों के काम 3:19 के वचन में भी लिखा है; “इसलिये, मन फिराओ और लौट आओ कि तुम्हारे पाप मिटाए जाएं, जिस से प्रभु के सम्मुख से विश्रान्ति के दिन आएं।”
प्रेरितों के काम 26:20 के वचन में प्रेरित पौलुस कहते हैं; कि “ पहिले दमिश्क के, फिर यरूशलेम के रहने वालों को, उसके बाद यहूदिया के सारे देश में और अन्यजातियों को समझाता रहा, कि मन फिराओ और परमेश्वर की ओर फिर कर मन फिराव के योग्य काम करो।
समीक्षा
उपरोक्त सभी वचनों से पता चलता है; की ईश्वर की अनुग्रह प्राप्ति और स्वर्ग राज्य में प्रवेश करने के लिए; मन फिराओ के साथ साथ अपने सभी पाप; गुनाहों को मानकर प्रभु से क्षमा मांगनी चाहिए। जिससे ईश्वर की कृपा प्राप्त हो; और खुशहाल जिंदगी मिले।
अंत मैं आपको एक सलाह देना चाहता हूं; कि आप अमीर हो या गरीब; चाहे दुनिया में रहने वाले किसी भी जाति या धर्म के क्यों ना हो; उससे कोई फर्क नहीं पड़ता; परंतु फर्क इस बात से है; की एक दिन सभी लोगों को अपने किए हुए कर्मों का हिसाब ईश्वर को देना पड़ेगा। ईश्वर की इच्छा के विरुद्ध पाप करने का मतलब अनंत दंड को दावत देना और एक बात अगर ईश्वर मनुष्य होता तो; कोई भी रिश्वत देकर सजा से बच सकता था; परंतु ईश्वर मनुष्य नहीं; इसलिए जरा सोचिए ईश्वर के सामने आप क्या करेंगे! क्योंकि ईश्वर को निष्कलंक; निष्पाप और पवित्रता से चलने वाले लोग पसन्द है। इसलिए अपने पापों को ईश्वर के सामने कबूल करते हुए; समय के रहते ही मन फिराने में समझदारी है।
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Yas . AMen